चंदनकियारी, चंदनकियारी प्रखंड के बड़ाजोर पंचायत के कदुआभीठा गांव में सोमवार को आदिवासियों ने बाहा बोंगा पर्व मनाया. इस अवसर पर महिला व पुरुष मांदर की थाप पर जमकर थिरके. इससे पहले आदिवासियों ने संथाली रीति रिवाज के अनुसार जेहरास्थान में प्रकृति की पूजा-अर्चना की. क्षेत्र की सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की गयी. वही सखुआ फूल का वितरण किया. पूजा स्थल पर बनाये गये मंडप पर महिलाओं, युवतियों व पुरुषों ने संथाली संगीत के साथ नृत्य किया. नायके बाबा( पुजारी) लखिश्वर बेसरा ने बताया कि यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है. आदिवासी समाज पानी एवं फूल से होली खेलते हैं. आदिवासी प्रकृति के पुजारी है. आदिवासियों की पर्व त्योहार से ही झारखंड की पहचान है. ग्रामीणों ने कहा कि जेहरा स्थान में मन्नत पूरी होती है. मौके पर मुखिया प्रतिनिधि दिलीप सोरेन, ओम कुमार, आशीष बेसरा, हेमंत हेंब्रम, उमेश बास्के, प्रेम बेसरा, रूपलाल हांसदा, शेरेम बेसरा, बिमल हांसदा, किस्मत मुर्मू, मोतीलाल बेसरा, नरेश बेसरा, नेपाल बेसरा, सुशील बेसरा आदि उपस्थित थे.
कोनारबेड़ा
में संतालियों ने मनाया सरहुल महोत्सव
पेटरवार, पेटरवार प्रखंड के कोनार बेड़ा गांव में संतालियों का पर्व सरहुल महोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया. कोनार बेड़ा स्थित जेहरा स्थल पर नायके हड़ाम जेठू टुडू ने संथाली विधि से पूजा-अर्चना कर लोगों के बीच प्रसाद के रूप में सखुआ का फूल वितरण किया. सामाजिक कार्यकर्ता धीरज साहू उर्फ बबली ने महोत्सव का उद्घाटन किया. मांदर की थाप पर दर्जनों लोगों ने संताली गीत के धुन पर नृत्य किया. मौके पर जिला परिषद अध्यक्ष के प्रतिनिधि अभिषेक महतो, हरि टुडू, लालचंद टुडू, पवन टुडू, मेहिलाल हांसदा, सीताराम मुर्मू, गुणाराम मुर्मू, जयराम किस्कू, चरकू हांसदा, महेश्वर मुर्मू, ननकू मुर्मू, गुही मरांडी, हीरालाल महतो, भरत महतो, विक्की महतो, जयनंदन महतो, गुजर महतो, रवींद्र महतो सहित काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.
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