बोकारो, ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा बोकारो ने शनिवार को इस्पात भवन के पास सेक्शन पर सेल प्रबंधन को 20 मई अखिल भारतीय औद्योगिक हड़ताल का नोटिस दिया. मोर्चा के नेताओं ने कहा कि इस्पात मजदूरों का 39 माह का वेज रिवीजन का एरियर का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है. मजदूरों की ग्रेच्युटी पर कैंपिंग लगा दिया गया है. पिछले दो साल से बोनस का उचित भुगतान मजदूरों को नहीं हो रहा हैं.
सेल प्रबंधन पर तानाशाही का लगाया आरोप
नेताओं ने सेल प्रबंधन पर तानाशाही का आरोप लगाया. ठेका मजदूरों का शोषण, मनी कट व काम से बैठा देना रूटीन बना हुआ है. ऐसे में हड़ताल ही एकमात्र सहारा हैं. दूसरी तरफ, लाभ और अधिक लाभ कमाने की होड़ लगी हुई हैं. परिणामस्वरूप सस्ते दर पर श्रम को हासिल करने में श्रम कानूनों में बदलाव कर उसे काॅरपाेरेट व मालिक पक्ष के अनुसार बनाया जा रहा है. मजदूरों को शोषण जारी है.
चार श्रम संहिताओं को निरस्त करने के साथ 25 सूत्री मांग
भारत में मजदूर आंदोलन के इतिहास में अर्जित सारे श्रम अधिकार वाले 44 श्रम कानूनों को खत्म कर व विधायी प्रक्रिया को भी ठेंगा दिखाकर कोरोना महामारी काल में बनाया गया चार श्रम संहिताओं को निरस्त करने के साथ 25 सूत्री मांगों पर केंद्रीय श्रम संगठनों ने संयुक्त रूप से 20 मई को एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल का नोटिस सेल, बोकारो इस्पात को दिया.
एकजुट होकर हड़ताल को सफल बनाने का संकल्प लिया
सभी ने एकजुट होकर हड़ताल को सफल बनाने का संकल्प लिया. कार्यक्रम में एटक के रामाश्रय प्रसाद सिंह, अबू नसर, सीटू के एनसिंह, आरएन सिंह, एचएमएस के राजेंद्र सिंह, रमेश राय, बोकारो कर्मचारी पंचायत एचएमएस के आरके वर्मा, एक्टू के लोकनाथ सिंह, भीम रजक, एआइयूटीयूसी के मोहन चौधरी, आर एस शर्मा सहित दर्जनों बीएसएल कर्मी व ठेका मजदूर उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है