बोकारो, समय : 10:53. स्थान : बीएसएल प्लांट प्लाजा रोड स्थित प्लांट में गैस रिसाव की सूचना. गैस रिसाव के बाद घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गयी. सूचना मिलते ही गैस सेफ्टी व सीआइएसएफ फायर की टीम ने क्षेत्र को घेर लिया. घटना की तीव्रता का आकलन किया. 05 मिनट के अंदर 03 फायर ब्रिगेड की गाड़ी व 03 एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंची. घटना में घायल 04 लोगों का मौका-ए-वारदात पर इलाज किया गया. वहीं गंभीर रूप से घायल को बेहतर इलाज के लिए बोकारो जनरल अस्पताल रेफर किया गया. गुरुवार को बोकारो इस्पात संयंत्र में आपात स्थितियों से निबटने के लिए सीबीआरएन (केमिकल, बॉयोलोजिकल, रेडियोलॉजिकल व न्यूक्लियर) मॉक ड्रिल किया गया. मॉकड्रिल में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सीआइएसएफ समेत 12 मेजर हैजट इकाई शामिल हुईं. मॉकड्रिल लगभग डेढ़ घंटे तक चली.
मॉकड्रिल के दौरान आपात स्थिति में निबटने के क्विक रिस्पांस टाइम को दिखाया गया. सूचना के तुरंत बाद डीडीसी शताब्दी मजूमदार, सिविल सर्जन डॉ एबी प्रसाद, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शक्ति कुमार, एनडीसी प्रभाष दत्ता मौके पर पहुंचे. वहीं बीएसएल के अधिशासी निदेशक (वर्क्स) प्रिय रंजन, अधिशासी निदेशक (ऑपरेशन) अनूप कुमार दत्त भी घटना स्थल पर पहुंचे. राहत व बचाव का काम युद्ध स्तर पर शुरू किया गया. गैस रिसाव के मद्देनजर जिला के सभी जगहों से एंबुलेंस व फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को बुलाया गया.वाटर कॉर्डेनिंग से रोका गया गैस का फैलाव
मॉकड्रिल के दौरान घटनास्थल की दो स्तर पर घेराबंदी करके बचाव व राहत कार्य शुरू किया गया. वहीं वाटर कॉर्डेनिंग के जरिये गैस के फैलाव को रोका गया. घटनास्थल पर एक फर्स्ट एड पोस्ट बना कर घायलों को शीघ्र उपचार मुहैया कराया गया. वहीं सीआइएसएफ व एनडीआरएफ की टीम ने मोर्चा संभालते हुए गैस के संभावित फैलाव को रोका. घायलों का बचाव कार्य में जुटी रही.डीसी ने दिया इमरजेंसी का निर्देश
गैस रिसाव की सूचना प्राप्त होते ही जिला प्रशासन भी हरकत में आया. डीडीएमए अध्यक्ष सह डीसी अजयनाथ झा ने फौरन कार्रवाई शुरू की. इंसिडेंट कंट्रोलर, सिविल सर्जन को कई निर्देश जारी किया गया. डीसी ने बीएसएल में आपातकालीन स्थल पर इंसिडेंट कंट्रोलर के रूप में कार्यभार संभालने का निर्देश दिया. वहीं, संपूर्ण इंसिडेंट रिस्पॉन्स सिस्टम को सक्रिय करने व ऑन साइट तथा ऑफ साइट इमरजेंसी रिस्पांस टीम तुरंत मोबलाइज करने की बात कही गयी. मॉकड्रिल में बीएसएल के कई विभाग जैसे गैस सेफ्टी (इएमडी), सेफ्टी, ब्लास्ट फर्नेस, प्लांट कंट्रोल, चिकित्सा सेवाएं, बीएसएल सिक्योरिटी इत्यादि के अलावा सीआईएसएफ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
एनडीआरएफ व सीआइएसएफ ने प्रदर्शित की तकनीकी क्षमता
एनडीआरएफ की 09वीं बटालियन ने गैस डिटेक्शन तकनीक, डी-कंटेमिनेशन प्रक्रिया, प्रभावित कर्मियों की निकासी, संरक्षित कार्य के प्रोटोकॉल का लाइव प्रदर्शन किया. सीआइएसएफ ने क्षेत्र को सुरक्षा घेरा प्रदान किया, एंट्री–एग्ज़िट पॉइंट्स नियंत्रित किया.
अवलोकन बैठक में साझा हुई प्रमुख टिप्पणियां
मॉकड्रिल समाप्त होने के बाद पर्यवेक्षक व विशेषज्ञों की समीक्षा बैठक हुई. उपायुक्त अजय नाथ झा, एसपी हरविंदर सिंह ने अधिकारियों के साथ सुरक्षा तैयारियों का जायजा लिया. यहां विभिन्न रासायनिक तत्वों के साथ काम होता है. ऐसी परिस्थितियों में सीबीआरएन मॉकड्रिल अत्यंत आवश्यक हैं.
सुरक्षा केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि लाभकारी निवेश : डीसी
उपायुक्त श्री झा ने कहा कि उद्योगों में सुरक्षा को केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि लाभकारी निवेश के रूप में अपनाया जाना चाहिए. सेफ्टी इज कास्ट इफेक्टिव यह सिद्धांत आज के औद्योगिक वातावरण में पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है. सुरक्षा उपायों पर किया गया निवेश न केवल दुर्घटनाओं को रोकता है, बल्कि उत्पादन क्षमता, श्रमिकों के मनोबल व उद्योग की विश्वसनीयता को भी बढ़ाता है. कहा कि ऐसी कोई भी स्थिति नहीं होनी चाहिए, जहां सुरक्षा से समझौता किया जाये.
सभी विभागों ने दिखाया तालमेल : एसपी
एसी हरविंदर सिंह ने कहा कि मॉक ड्रिल का संचालन प्रभावी ढंग से हुआ. सभी विभागों ने बेहतर तालमेल दिखाया. सीआइएसएफ द्वारा तत्काल सूचना उपलब्ध करायी गयी, जिससे स्थिति पर समय रहते नियंत्रण संभव हुआ. बताया कि ट्रैफिक कंट्रोल की व्यवस्था सुव्यवस्थित रही. आवश्यक मार्गों पर तुरंत ग्रीन कॉरिडोर बना दिया गया, जिससे राहत एवं बचाव दल बिना किसी बाधा के निर्धारित स्थल तक पहुंच सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

