बोकारो, एनजेसीएस में सुधार के मुद्दे पर दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से इस्पात मंत्रालय को दिये गये 90 दिनों के समय के बाद सेल प्रबंधन ने इस्पात मंत्रालय को अपना जवाब सौंपा है. इस्पात मंत्रालय ने बोकारो अनाधिशासी कर्मचारी संघ (बीएकेएस) को 12 मार्च को जवाब भेजा है. जवाब में सेल प्रबंधन ने एनजेसीएस के वर्तमान क्रियाकलाप व ठांचे को जायज ठहराया है. 1970 के दशक में गठित एनजेसीएस के नियमों के तहत ही निर्णय लेने का हवाला दिया है, जबकि यूनियन ने अपने पत्र में एनजेसीएस में यूनियन प्रतिनिधियों के मनोयन व कई समझौते पर सबूत के साथ सवाल उठाया था.
यूनियन पुनः दिल्ली उच्च न्यायालय की शरण में जायेगी : हरिओम
बीएकेएस बोकारो के अध्यक्ष हरिओम ने सोमवार को कहा कि कोई भी संगठन की लोकप्रियता उसके सदस्यों की कार्यप्रणाली पर निर्भर करती है. कर्मचारियों के एनजेसीएस व अधिकारियों के सेफी संगठन उसका उदाहरण है. जहां सेफी के सभी पदाधिकारी निर्वाचित है, तो एनजेसीएस में 95 वर्ष, 90 वर्ष, 80 व 72 वर्ष के वर्षो से मनोनीत नेताओं की भरमार है. एक तरफ सेफी अधिकारियों के सभी मुद्दों को हल करवा चुकी है तो दूसरी तरफ एनजेसीएस में कर्मचारियों के इतने मुद्दे अटके हुए है कि मुद्दों का संविधान (40 से अधिक अटके मुद्दे) तैयार हो चुका है. यूनियन पुनः दिल्ली उच्च न्यायालय की शरण में जा रही है.यूनियन की ओर से उठाये गये तथ्य
एनजेसीएस में सेल के प्रत्येक प्रमुख यूनिट से रिकॉगनाईज्ड ट्रेड यूनियन का प्रावधान किया गया है, तो पांच ट्रेड यूनियनों को कुल 15 मनोयन की सीट क्यो. सेल स्तर पर बगैर मेंबरशिप वेरिफिकेशन हुए पांचों ट्रेड यूनियन इंटक, एटक, सीटू, एचएमएस व बीएमएस को 3-3 मनोयन की सीट किस कानून के तहत प्रदान की जा रही है. निर्वाचित रिकॉगनाईज्ड ट्रेड यूनियन नेताओं की शक्तियों को मनोनीत यूनियन नेताओं से कम कैसे रखा गया. सिर्फ पांच यूनियन के ही बाहरी, उम्रदराज व गैर निर्वाचित यूनियन नेताओं का मनोयन किस कानून के तहत किया जा रहा है . एनजेसीएस का गठन बगैर कानूनी प्रावधान के किस कानून के तहत हुआ है, एनजेसीएस में हुए अभी तक सभी समझौते का कानूनी आधार क्या है. एनजेसीएस को ट्राई पार्टी से बाई पार्टी कमेटी किस सरकारी एजेंसी या मंत्रालय की मंजूरी से बनाया गया. पांचों यूनियनों के सभी वरिष्ठ नेता एक दशक से मनोनीत कैसे हो रहे हैं. एनजेसीएस की मीटिंग सेल प्रबंधन की मनमर्जी पर क्यों बुलाई जाती है. एनजेसीएस मीटिंग का वार्षिक कैलेंडर, एजेंडा आदि क्यों जारी नहीं किया जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

