बोकारो, समाहरणालय सभागार में सोमवार को डीसी अजय नाथ झा की अध्यक्षता में एकीकृत बाल विकास सेवा संचालित विभिन्न योजनाओं व गतिविधियों की समीक्षा बैठक हुई. डीसी ने कहा कि सभी सीडीपीओ अपने क्षेत्र की साप्ताहिक समीक्षा नियमित रूप से करें. जिन सेविकाओं से तीन बार गलती या लापरवाही होती है. उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा करें. सीडीपीओ अपने स्तर से एलएस के साथ समीक्षा कर जिला को अनुशंसा करेंगे. जिला प्रशासन ने जीरो टोलरेंस नीति अपनाने का निर्णय लिया है. किसी भी स्थिति में कुपोषण, डेटा की गड़बड़ी या केंद्रों की अनियमितता स्वीकार नहीं की जायेगी. बच्चों व गर्भवती माताओं को गुणवत्तापूर्ण सेवा देना ही योजना का लक्ष्य है. डीसी ने कहा कि जो सेविकाएं लगातार कम प्रदर्शन कर रही हैं. सुधार नहीं दिखा रही हैं. उनके चयन को रद्द करने की कार्यवाही की जायेगी. ऐसी सेविकाओं से स्पष्टीकरण मांगा जायेगा. साथ ही संबंधित ग्राम सभा को सूचित कर नया सेविका चयन को लिखा जायेगा. सेविका कार्य के प्रति जिम्मेदार व संवेदनशील रहे. आंगनबाड़ी केंद्र ग्रामीण समाज के बच्चों व माताओं के स्वास्थ्य का पहला आधार होते हैं. सेविकाएं अपने मोबाइल पर समर एप को सक्रिय रखें. लंबित डेटा की संख्या शून्य करें. पोषण ट्रैकर एप का प्रयोग अब अनिवार्य है. एंट्री में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. बच्चों को दोबारा कुपोषित श्रेणी में आने से रोकने के लिए सेविकाओं को परिवारों से नियमित संवाद बनाए रखना होगा. डीसी ने कहा कि केंद्र में स्वच्छता, सुरक्षित पेयजल, शौचालय सुविधा व बच्चों के लिए अनुकूल वातावरण अनिवार्य रूप से बनाये रखें. डीएमएफटी से उपलब्ध सामग्री का शतप्रतिशत उपयोग करें. जिले के 715 आंगनबाड़ी केंद्रों को सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में विकसित करने को चिन्हित किया गया है. आवेदन के बाद भी बिजली विभाग द्वारा केंद्रों में विद्युत कनेक्शन नहीं करने पर डीसी नाराज हुए. 582 आंगनबाड़ी केंद्रों में 15 दिनों में विद्युत कनेक्शन सुनिश्चित करने को कहा. कार्य योजना समय के साथ मंगलवार शाम तक जिला को उपलब्ध कराने को कहा. पर्यावरण संरक्षण के तहत सभी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था का निर्देश दिया. डीसी ने कुछ आंगनबाड़ी केंद्र के नियमित रूप से नहीं खुलने पर संबंधित सीडीपीओ से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया. बैठक में पीएमएमवीवाई, सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, पालन घर योजना आदि जैसी विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की. मौके पर डीडीसी शताब्दी मजूमदार, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी डॉ सुमन गुप्ता, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा पीयुष, डीपीआरओ रवि कुमार, एडीपीआरओ अविनाश कुमार सिंह, सीडीपीओ, अंचलाधिकारी, पर्यवेक्षिका आदि मौजूद थे.
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