बोकारो, ज्यों ही सूर्य अस्त हुआ, रावण के ऊंचे पुतले में अग्नि प्रज्वलित की गयी. पूरा मैदान आतिशबाजी की रंगीन रोशनी व जय श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा. आकाश में छूटते आतिशबाजी के फूल जैसे हर हृदय में भक्ति व उल्लास का दीप प्रज्वलित कर रहे हों. विजयादशमी के अवसर पर गुरुवार की शाम बोकारो स्टील सिटी के रेलवे ग्राउंड में रावण दहन समारोह हुआ. डीसी अजय नाथ झा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुये. एसपी हरविंदर सिंह, एआरएम विनीत कुमार, एसडीओ चास प्रांजल ढांडा आदि उपस्थित थे.
डीसी ने कहा कि रावण का अंत केवल एक व्यक्ति का अंत नहीं था. वह महान ज्ञानी था, किंतु अपने ज्ञान पर अहंकार कर बैठा. उसके ज्ञान में परोपकार का भाव नहीं था, बल्कि अहंकार से भरा हुआ था. वह अत्यंत बड़ा भक्त था, पर उसकी भक्ति में संयम और परोपकार का समावेश नहीं था. वह अपार शक्ति का धनी था, परंतु उस शक्ति में संरक्षण का भाव नहीं था. इसलिये उसका अंत हो गया. डीसी ने कहा कि रावण का अंत हमें यह सिखाता है कि ज्ञान, शक्ति व भक्ति का उपयोग केवल व्यक्तिगत गौरव के लिए नहीं, बल्कि समाज के हित, विकास, संरक्षण और आगे ले जाने के लिए करना चाहिए. इसी भाव को हमें आत्मसात करना है और अपने जीवन में उतारना है. यह पर्व हमें एकजुट होकर समाज व राष्ट्र की सेवा करने की प्रेरणा देता है. एसपी हरविंदर सिंह ने कहा कि समाज में भाईचारे व सद्भाव को बढ़ायें.विजयादशमी की भावना को जीवन का हिस्सा बनाये : एआरएम
एआरएम श्री कुमार ने कहा कि विजयादशमी की भावना को केवल एक दिन के उत्सव तक सीमित नहीं रखें, आमजन इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाये. एक बेहतर समाज के निर्माण में योगदान दें. एसडीओ ने भी आम लोगों को विजया दशमी की शुभकामनाएं दी. उपस्थित लोगों, आयोजन समिति के सदस्यों ने भगवान श्री राम के जयकारों के बीच एक-दूसरे को विजयादशमी की शुभकामनाएं दी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

