रंजीत कुमार, बोकारो, दो माह में तीन रेलकर्मियों ने फांसी लगाकर जान दे दी. तीनों कर्मी बोकारो में कार्यरत थे. तीनों आत्महत्या के कारणों में एक ही समानता मिली. पारिवारिक विवाद व घर की चिंता प्रमुख कारण रहा. तनाव के कारण रेलकर्मियों के आत्महत्या करने को लेकर दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस कांग्रेस यूनियन बोकारो शाखा ने चिंता व्यक्त किया है. शोक जताते हुए शाखा सचिव राजन उपाध्याय, यूनियन सदस्य मनोज यादव, प्रकाश सिंह, दिनेश दास, सज्जाद मिर्धा ने तनावग्रस्त रेलकर्मियों से आत्महत्या नहीं करने की अपील की है. साथ ही वरीय अधिकारियों से समय-समय पर कर्मियों की काउंसेलिंग करने की मांग की है.
केस स्टडी – एक
पांच अक्तूबर : बालीडीह थाना क्षेत्र के रेलवे कालोनी स्थित डीएस-1/163-डी निवासी 40 वर्षीय रेलकर्मी दुलारचंद मंडल ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. आवास में अकेले रह रहे थे. पति से विवाद के कारण दो दिन पूर्व पत्नी व बच्चे पुरुलिया स्थित गांव चली गयी थी. पांच अक्तूबर को पड़ोसियों ने आवास से आ रहे दुर्गंध के कारण रात नौ बजे बालीडीह पुलिस को सूचना दी. आवास का दरवाजा तोड़ने पर रेलकर्मी का शव फंदे से लटकता मिला. दुलारचंद मंडल टेक्निकशन वन इजी पद पर कार्यरत थे.केस स्टडी – दो
सात सितंबर : बालीडीह थाना क्षेत्र के रेलवे कॉलोनी स्थित डीएस -1/102-A में 32 वर्षीय रेल कर्मी राकेश कुमार परिवार के किसी सदस्य से बात करते-करते फांसी का फंदा लगाकर झूल गये. जानकारी मिलते ही गश्ती में निकले बालीडीह इंस्पेक्टर नवीन कुमार सिंह पहुंचे. चाहकर भी बचाया नहीं जा सका. भाई शव को ले गये. बताया कि वीडियो कॉल पर ही परिवार क सदस्यों से गुस्से में नाराज हो गये थे. रेलवे में टेक्नीशियन-3/सी एंड डब्लू पद पर कार्यरत थे. छह माह पहले शादी हुई थी. आवास में अकेले रह रहे थे.केस स्टडी – तीन
चार सितंबर : सेक्टर 12 थाना क्षेत्र के बारी को-ऑपरेटिव कॉलोनी निवासी 40 वर्षीय रेलकर्मी विद्या सागर भारती ने घर में फांसी का फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली. घटना का कारण लंबे समय तक अवसाद में रहने के कारण आर्थिक तंगी को बताया जा रहा है. रेलकर्मी बोकारो रेलवे में कार्यरत थे. लंबी अवधि तक ड्यूटी नहीं जाने के कारण कर्ज का बोझ अधिक बढ़ गया था. कर्ज कैसे चुकायेंगे. आर्थिक परेशानी सामने थी. साथ ही स्वास्थ्य खराब था. कुछ समय में नहीं आया. परेशान रेलकर्मी घर में अकेले थे.तनावमुक्ति के लिए 14416 हेल्पलाइन का लें सहारा
मानसिक तनाव से लोगों को राहत देने के लिए सरकारी स्तर पर काउंसेलिंग की व्यवस्था है. मनोचिकित्सक 24 घंटे फोन पर उपलब्ध है. तनाव महसूस होने पर टेलीमानस के 14416 हेल्पलाइन नंबर का सहारा ले रहे है. हेल्पलाइन के माध्यम से सदर अस्पताल के मनोचिकित्सक की काउंसेलिंग करते हैं. साथ ही मनोचिकित्सा विभाग में मरीजों की जांच भी करते है.क्या कहते हैं मनोचिकित्सक
सदर अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ प्रशांत मिश्र ने कहा किआत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं है. हर समस्या का समाधान उपलब्ध है. सकारात्मक दृष्टिकोण से सोच कर देखने की जरूरत है. तनाव के जाल से उबरने के लिए तनावग्रस्त भावनाओं पर काबू पाने की जरूरत है. जब आप तनाव में होते हैं, तो सबसे नजदीकी व्यक्ति से जरूर समस्याओं की चर्चा करें. तनाव से निकलने में सबसे बड़ा सहायक साबित होगा. गलत करने पर भी परिवार के सदस्यों से चर्चा करें. परिवार के सदस्य समाधान जरूर देंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

