कसमार, कसमार प्रखंड में कोलकाता-वाराणसी एक्सप्रेस वे का निर्माण शुरू होने के बाद भारी वाहनों, विशेषकर हाइवा के परिचालन में अचानक तेजी आने से आमजन की परेशानी कई गुना बढ़ गयी है.एक्सप्रेस वे के लिए बड़े पैमाने पर छाई (फ्लाई ऐश) ढुलाई की जा रही है और फिलहाल बगियारी व जामकुदर के पास छाई गिरायी जा रही है. परिणामस्वरूप बहादुरपुर चौक से लेकर कसमार तक दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती है, जिससे छोटे वाहन चालक, विद्यार्थी, व्यापारियों तथा आम यात्रियों को गंभीर परेशानी हो रही है.
ग्रामीणों का कहना है कि एनएच-23 से आने वाले हाइवा तेज गति से बहादुरपुर चौक होते हुए कसमार में प्रवेश करते हैं और चौक पर नियंत्रण की कोई व्यवस्था नहीं होने से सड़क पार करना बेहद जोखिम भरा हो गया है. कई बार दुर्घटना टलने की घटनाएं सामने आयी हैं. ग्रामीणों का कहना है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. हाल ही में धूल-धुआं और डस्ट से हो रही परेशानी के खिलाफ ग्रामीणों ने आंदोलन किया था, जिसके बाद दो टाइम पानी छिड़काव शुरू तो किया गया है, लेकिन दिनभर भारी वाहनों के आवागमन से राहत नगण्य है. कसमार के शिवाजी चौक (तीनकोनिया चौक) की स्थिति भी चिंताजनक है. लगातार जाम, शोरगुल और दुर्घटना का भय बना हुआ है.प्रशासन से हस्तक्षेप करने की मांग
बाराडीह के उपमुखिया प्रेम महतो, गर्री के पूर्व मुखिया सिकंदर कपरदार, भाकपा माले नेता शकुर अंसारी तथा स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि विकास कार्य स्वागत योग्य है, लेकिन जनता की सुरक्षा और सुविधा के साथ समझौता नहीं किया जा सकता. जब तक प्रशासन हस्तक्षेप नहीं करेगा तब तक दुर्घटनाओं का खतरा टलना मुश्किल है. उन्होंने प्रशासन से हाइवा की गति सीमा तय करने और कड़ाई से लागू करने, विद्यालय और कार्यालय समय में भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने तथा बहादुरपुर चौक एवं शिवाजी चौक पर स्थायी ट्रैफिक व्यवस्था की तैनाती करने की मांग की है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि समस्याओं के समाधान के लिए जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को फिर तेज किया जाएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

