बोकारो, व्यापार संचालन को अधिक सहज, व्यवस्थित और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से बीएसएल की ओर से चेंज ऑफ ट्रेड की एक नयी नीति लागू की गयी है. नीति के तहत बीएसएल के टीए-एलआरए विभाग की ओर से 06, 14, 19 फरवरी 2025 सहित अन्य तिथियों में लगभग 250 से ज्यादा ऐसे प्लॉटधारकों व लाइसेंसधारी दुकानदारों को नोटिस जारी किया गया है. नोटिस जारी होने की तिथि से दो माह के भीतर अपना आवेदन पत्र व निर्धारित शुल्क जमा कर सकते हैं. निर्धारित समय-सीमा के भीतर आवेदन ना करने की स्थिति में विलंब शुल्क देना होगा.
बीएसएल की ओर से आवंटित वैसे व्यवसायिक प्लॉटधारक व लाइसेंसधारी दुकानदार जिन्हें पूर्व में गैर-प्रतिबंधित के संचालन की अनुमति प्राप्त है, पर बिना अनुमति प्राप्त किये हीं अपने प्लॉट या लाइसेंस दुकान में प्रतिबंधित का संचालन कर रहे हैं, वे व्यापारिक प्रकृति को गैर-प्रतिबंधित से प्रतिबंधित में परिवर्तन करने का आवेदन दे सकते हैं.रिस्ट्रिक्टेड ट्रेड के संचालन के लिए कई अनिवार्य लाइसेंस जरूरी
बीएसएल ने पूर्व में विभिन्न व्यवसायों के लिए प्लॉट और दुकानें आवंटित की हैं, जिनमें जनरल ट्रेड व रिस्ट्रिक्टेड ट्रेड जैसी श्रेणियां शामिल हैं. कुछ व्यवसाय जैसे नर्सिंग होम, रेस्तरां, सिनेमा हॉल, मीट शॉप, आटाचक्की, ऑयल मिल, गैस व फ्यूल गोडाउन, वेल्डिंग एवं फेब्रिकेशन आदि रिस्ट्रिक्टेड ट्रेड की श्रेणी में आते हैं. ऐसे व्यवसायों के संचालन के लिए कई अनिवार्य लाइसेंस आवश्यक होते हैं. इन लाइसेंसों के बिना ऐसे व्यवसायों को अवैध माना जाता है, जिससे कानूनी जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं.अपशिष्ट निपटान मंजूरी, तेल, ग्रीस व खतरनाक कचरे के निपटान स्वीकृति शामिल
आवश्यक लाइसेंसों में अग्नि सुरक्षा के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र, एफएसएसएआइ प्रमाणपत्र, अपशिष्ट प्रबंधन के अनुपालन प्रमाणपत्र, पर्यावरणीय दिशा-निर्देशों के अनुसार अपशिष्ट निपटान मंजूरी, तेल, ग्रीस व खतरनाक कचरे के निपटान के लिये पर्यावरणीय स्वीकृति आदि शामिल हैं. नीति का उद्देश्य उन व्यवसायी को स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान करना है, जो बिना पूर्व अनुमति और आवश्यक लाइसेंस के अपने जनरल ट्रेड को प्रतिबंधित ट्रेड में बदल चुके हैं.
व्यवसाय संचालन अधिक सुगम और पारदर्शी होगा
‘चेंज ऑफ ट्रेड’ नीति को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है. इससे अंतत: व्यवसाय संचालन अधिक सुगम और पारदर्शी होगा. इसके अलावा पट्टा नवीनीकरण दर भी बढ़कर 85 प्रतिशत तक पहुंच गयी है. कई व्यवसायी जो पहले भ्रामक जानकारी के कारण असमंजस में थे, अब आवश्यक शुल्क और जुर्माने का भुगतान करके अपने पट्टों का नवीनीकरण करा रहे हैं. कतिपय लोगों द्वारा चेंज ऑफ़ ट्रेड और पट्टा नवीनीकरण जैसे आवश्यक कार्यों के खिलाफ भ्रामक जानकारी देकर व्यवसायियों को गुमराह किया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है