बोकारो, सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे विद्यालय अवधि में अपने को सहज और सुरक्षित महसूस करें, इसके लिए सरकार कई स्तर की व्यवस्था कर रखी है. लेकिन सिवनडीह में करीब 60 साल से अधिक पुराना उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिवनडीह उर्दू में अब तक बाउंड्रीवाल नहीं है. जबकि विद्यालय सड़क किनारे स्थित है. इस कारण छुट्टी या मध्यावकाश के समय बाउंड्री विहीन विद्यालय में खेलते छात्रों की सुरक्षा को ले भय बना रहता है.
वहीं, बाउंड्रीवाल नहीं होने के कारण परिसर में शाम होते ही अवारा मवेशियों और शरारती तत्वों का जमावड़ा लग जाता है. इसके चलते स्कूल में चोरी की घटनाओं का डर बना रहता है. इस विद्यालय के सभी शिक्षकों व छात्रों का कहना है कि चहारदीवारी का जल्द निर्माण होना चाहिए ताकि विद्यालय व्यवस्थित तरीके से चल सके. बता दें कि यहां कक्षा एक से लेकर आठ तक की पढ़ाई होती है. जहां पर करीब 100 से अधिक बच्चे नामांकित है. वहीं छह शिक्षक व शिक्षिका कार्यरत हैं.शिक्षा विभाग व ग्राम पंचायत को कराया गया है अवगत
प्रभारी प्राचार्य मो अताउल्लाह अंसारी का कहना है कि विद्यालय में बच्चों को सभी मूलभूत सुविधाएं मिल रही है. बिजली, पानी, शौचालय, भोजन आदि सुव्यवस्था है. लेकिन विद्यालय में बाउंड्रीवाल नहीं होने से स्कूल बंद होने के बाद शरारती तत्वों का जमघट लग जाता है. बाउंड्रीवाल के लिए शिक्षा विभाग सहित ग्राम पंचायत मुखिया से अवगत कराया गया. स्वीकृति मिलते ही बाउंड्रीवाल का काम शुरू करवा दिया जायेगा.गणित, अंग्रेजी व अन्य विषयों के शिक्षक नहीं, कंप्यूटर शिक्षा से भी वंचित
स्कूल में गणित, अंग्रेजी व अन्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक नहीं हैं. जबकि सभी विषय के शिक्षक का पद कई सालों से रिक्त है. विषयवार शिक्षकों की पदस्थापना नहीं होने से स्कूल का रिजल्ट चिंताजनक हो सकता है. वहीं, शिक्षा सुधार अभियान के तहत स्कूलों में शैक्षणिक सुधार के साथ बच्चों की कंप्यूटर शिक्षा पर भी जोर है. इसके लिए जिले के सभी सरकारी स्कूलों में आइसीटी लैब संचालित किए जाना हैं. लेकिन यहां कंप्यूटर लैब में संचालित नहीं होने से छात्र कंप्यूटर शिक्षा लेने से वंचित हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है