कसमार, जरीडीह प्रखंड के भस्की पहाड़ स्थित मारांग बुरु सरना धोरोम गाढ़ में माघी पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित धर्म सम्मेलन का शुक्रवार को समापन हो गया. इस दौरान यहां मारांग बुरू, जाहेर आयो, लुगु बाबा व लुगु आयो की पूजा-अर्चना के लिए संथाल समुदाय के महिला-पुरुषों का जनसैलाब उमड़ पड़ा. गुरुवार को अहले सुबह से ही यहां लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था. झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल के मिदनापुर, पुरुलिया आदि जिलों तथा ओडिशा से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे.
प्रकृति के प्रति आदिवासियों का प्रेम व आस्था अतुलनीय
इससे पूर्व जिला स्तरीय कई अधिकारी समेत जरीडीह सीओ समेत अन्य अतिथियों ने धर्म सम्मेलन का उदघाटन किया. वक्ताओं ने कहा कि आदिवासियों की संस्कृति दुनिया की महान संस्कृति है. प्रकृति के प्रति इनका प्रेम व आस्था अतुलनीय है. इनसे दुनिया बहुत कुछ सीखती आयी है. कहा कि इस महान संस्कृति को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए हमेशा सजग रहने की जरूरत है. मालूम हो कि मारांग बुरू धोरोम गाढ़ प्रकृति व संस्कृति से जुड़े संतालों की आस्था का महत्वपूर्ण केंद्र है. संताल समुदाय का मानना है कि यहां आकर मारांग बुरू जाहेर आयो की सच्चे दिल से पूजा-अर्चना करने वालों की मनोकामना अवश्य पूरी होती है. यही कारण है कि संताथ समुदाय का इस पहाड़ के प्रति आदि काल से अटूट आस्था बनी हुई है. संतालों के अलावा अन्य समुदायों के लोग भी यहां बड़ी संख्या में पहुंचे.
ये थे मौजूद
कार्यक्रम में पूर्व विधायक योगेश्वर महतो बाटुल, विधायक प्रतिनिधि विनोद कुमार महतो, राम कुमार मरांडी, महेश कुमार मुर्मू, बीआर मुर्मू, महादेव मरांडी, लालधन टुडू, राधानाथ टुडू, बीडी किस्कू, मोहन टुडू, मंटूराम मरांडी, सुफल मुर्मू, आनंद बेसरा, भोलानाथ मुर्मू, दीनबंधु मांझी, मंगलराम हांसदा, कार्तिक मुर्मू, निर्मल टुडू, मंगल चंद टुडू, सीताराम टुडू, जगेश्वर मुर्मू, सुनील मुर्मू, बादल मुर्मू, राहुल महतो, बालीदास मरांडी, शिवलाल मुर्मू, अंबिका मरांडी, केनाराम हेंब्रम, परसुराम हेंब्रम, गुप्तेश्वर हेंब्रम, बुधराम मुर्मू, सोहन किस्कू, विनोद किस्कू, रमेश कुमार मुर्मू, प्रकाश मरांडी, जगदीश मरांडी, ब्रजमोहन मांझी, सोनाराम मांझी, वीरेन्द्र मुर्मू, राजेश्वरी मरांडी, लिपि मुर्मू आदि मौजूद थे.
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