बोकारो, बोकारो में फैटी लीवर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. चिकित्सकों के पास आनेवाले हर 50 मरीज में पांच से छह मरीज को फैटी लीवर की शिकायत हो रही है. चिकित्सकों के अनुसार फैटी लीवर की समस्या बदलती दिनचर्या की वजह से उत्पन्न हो रही है. लीवर को तंदुरुस्त रखने के लिए लाइफ स्टाइल में बदलाव करना जरूरी है.
बच्चों व युवाओं को जंक फूड, पैक फूड आदि से बचाना होगा
आइएमए चास के पूर्व अध्यक्ष डॉ रणधीर कुमार सिंह, पूर्व सचिव डॉ मनोज श्रीवास्तव, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अरविंद कुमार, सहित अन्य चिकित्सकों ने कहा कि विश्व लीवर दिवस 2025 का थीम भोजन औषधि है. इसे ध्यान में रखते हुए बच्चों व युवाओं को जंक फूड, पैक फूड आदि से बचाना होगा. समय पर सही मात्रा में भोजन करना जरूरी है. बढ़ते वजन को नियंत्रित करना बेहद जरूरी है. जंक फूड के बजाय मौसमी फल व सब्जियों को डाइट में शामिल करना जरूरी है. साथ ही हर कोई खुद को फिजिकली एक्टिव रखें. सिगरेट व शराब से बचने की जरूरत है.
चिकित्सकों ने कहा
इएसआइसी डिस्पेंसरी के इंचार्ज डॉ रणधीर कुमार सिंह ने कहा कि लीवर शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है. हमारे शरीर में लीवर 500 से ज्यादा महत्वपूर्ण कार्यों का अंजाम देता है. इसमें रक्त से अपशिष्ट व बाहरी पदार्थों को निकालने का सबसे जरूरी काम करता है. ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित करने में सहायक है. पोषक तत्वों को बनाने का सबसे जरूरी काम भी करता है. जो शरीर की सुरक्षा के लिए सबसे खास कार्य है.
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अरविंद कुमार ने कहा कि हमारी लाइफस्टाइल काफी बदल चुकी है. ऐसे में लीवर से जुड़ी बीमारी आम हो गयी है. जंक फूड के साथ-साथ पैक्ड फूड की मात्रा डाइट में बढ़ गयी है. जो लीवर के लिए परेशानी का कारण है. बदलती दिनचर्या के कारण लीवर की सेहत बिगड़ने लगी है. लीवर से जुड़ी परेशानियों को नजरअंदाज से बीमारियां बाद में बढ़ जाती है. जागरूकता जरूरी है.चास अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सक डॉ रवि शेखर ने कहा कि गलत खानपान से बॉडी पर फैट चढ़ने लगता है. उसी तरह लीवर पर फैट जमने लगता है. इसे फैटी लीवर कहते है. फैटी लीवर सामान्य बात नहीं है. लीवर बीमार का संकेत है. परेशानी होने पर हर वक्त पेट में दर्द व चुभन, भूख ना लगना, जी मचलाना, थकावट, स्किन, नाखून, आंख व यूरिन में पीलापन, पेट में सूजन व भारीपन आदि परेशानी शुरू होती है.
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