बोकारो, कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया गुरुवार को भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व भाई-दूज श्रद्धा व उल्लास के संग मनाया गया. मिथिलांचल में भाईदूज को भातृद्वितीया व आम बोलचाल की भाषा में भरदुतिया कहा जाता है. बहनों ने अपने भाई की सुख, समृद्धि व लंबी आयु की कामना के साथ पर्व में भाई की पूजा की. बहनों ने भाई को मिष्ठान्न, स्वादिष्ट पकवान खिलाया. इस दौरान बहनों का उत्साह देखते हीं बन रहा था. पर्व को लेकर बहनों ने विशेष प्रकार की अल्पना बनायी. उसपर आसन के रूप में पीढ़ी रखकर भाई को बिठाया. फिर भाई के दोनों हाथ (आंजुर) में सिंदूर, पिठार (चावल का घोल) लगाया. पान का पत्ता, सुपारी, कुम्हरा का फूल, पैसा, अंकुरी जल आदि से पूजा की. इसे नोत लेना कहते हैं. इस क्रम में मंत्र भी पढ़ा : यमुना नोतल यमकें हम नोतै छी भाईकें, जतेटा यमुनाक धार ततेटा हमर भैयाक आयु…
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