कसमार, कसमार प्रखंड के दुर्गापुर (डुंडाडीह) गांव में सोहराय पर्व के अंतिम दिन गुरुवार को बुढ़ी बांदना उत्साह और पारंपरिक उल्लास के साथ मनाया गया. ग्रामीणों ने ढोल-मांदर की थाप पर नृत्य किया और पशुधन की पूजा-अर्चना की. दिनभर चली पूजा-पद्धति और पारंपरिक रस्मों के बाद शाम को गांव में बरद खूंटा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कृषकों को देर शाम को पुरस्कृत किया गया. आयोजकों की ओर से बरद खूंटा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले गुप्तेश्वर महतो को दो किलो का देहाती मुर्गा पुरस्कार स्वरूप दिया गया. द्वितीय पुरस्कार श्यामलाल महतो को 1.5 किलो मुर्गा, जबकि तृतीय पुरस्कार उदय महतो को 1.25 किलो मुर्गा के रूप में दिया गया. इसके अलावा, 10 अन्य किसानों को सात्वंना पुरस्कार के रूप में 1-1 किलो मुर्गा देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों ने सामूहिक भोज और गीत-संगीत का भी आयोजन किया. आयोजन स्थल पर उपस्थित ग्रामवासी पारंपरिक वेशभूषा में नाचते-गाते नजर आये. इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अमरेश कुमार महतो (मुखिया), पंचानन महतो (उपमुखिया), भीम प्रसाद महतो (पूर्व उपमुखिया), सरयू प्रसाद महतो, चकेश्वर महतो (डबलू), परमेश्वर महतो, जगरनाथ महतो, लाल किशोर महतो, राजेंद्र महतो, संदीप कुमार महतो, श्यामलाल महतो, रिखीलाल महतो, मनोज कुमार महतो, राजकिशोर महतो, प्रदीप कुमार महतो, भूषण महतो, सूरज कुमार महतो और नंदलाल महतो सहित समस्त डुंडाडीह ग्रामवासी का विशेष सहयोग रहा. गांव में दिनभर चली इस पारंपरिक बुढ़ी बांदना ने सोहराय पर्व के समापन को सांस्कृतिक उल्लास और सामूहिक एकता के रंग में रंग दिया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

