तलगड़िया, इलेक्ट्रोस्टील वेदांता में कार्यरत मजदूर महेश्वर सोरेन का शव सोमवार की रात को भागाबांध में मिलने के बाद सियालजोरी पुलिस ने बाेकारो जनरल अस्पताल में मर्चरी में रखवा दिया था. परिजनों को सूचना मिलने पर मंगलवार को सियालजोरी थाना पहुंचे. नियोजन व मुआवजा को लेकर थाना परिसर में त्रिपक्षीय वार्ता चली. वार्ता घंटे चलने के बाद असफल रही. बुधवार को प्लांट परिसर में पुनः नियोजन व मुआवजा को लेकर त्रिपक्षीय वार्ता हुई, जो फिर असफल रही. वार्ता विफल के बाद परिजनों ने इलेक्ट्रोस्टील वेदांत के आरएमएचएस गेट व 47 गेट सहित सभी गेट को जाम कर दिया. इससे प्लांट के अंदर कार्यरत मजदूर फंस गए. परिजनों ने कहा कि जब तक नियोजन व मुआवजा नहीं मिलेगा तब तक जाम रहेगा.
22 अप्रैल को ड्यूटी पर नहीं पहुंचे थे महेश सोरेन : इएसएल
बोकारो, इएसएल यह स्पष्ट करना चाहता है कि ठेका श्रमिक महेश सोरेन की मृत्यु को लेकर प्लांट परिसर में हुई बताकर, जो हालिया खबरें प्रकाशित हुई हैं, वे पूरी तरह से गलत और भ्रामक हैं. सियालजोरी थाना की रिपोर्ट के अनुसार 22 अप्रैल को महेश सोरेन ड्यूटी पर नहीं पहुंचे थे और बाद में उनका शव भागाबांध आदिवासी टोला के जंगल में पाया गया. ये बातें कंपनी के डिप्टी सीइओ रविश शर्मा ने बुधवार को कही. कहा कि इएसएल में स्थापित फेस रिकग्निशन सिस्टम के अनुसार महेश सोरेन ने अंतिम बार 20 अप्रैल को ड्यूटी जॉइन की थी, इसके बाद वे प्लांट परिसर में नहीं आये. कंपनी यह भी स्पष्ट करती है कि महेश सोरेन की मृत्यु किसी भी प्रकार से औद्योगिक दुर्घटना नहीं है. इएसएल दिवंगत महेश सोरेन के परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता है. इस दु:ख की घड़ी में शोकाकुल परिजनों के साथ खड़ा है. कंपनी परिवार को हरसंभव मानवीय सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है.
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