बोकारो, बालीडीह थाना क्षेत्र में 11 वर्षीया बच्ची से दुष्कर्म मामले में उपायुक्त विजया जाधव ने सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अरुण कुमार और स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ शिवानी दास से स्पष्टीकरण मांगा है. दुष्कर्म की शिकार बच्ची को मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल में दो घंटे तक इंतजार करने पर डीसी विजया जाधव बेहद नाराज हैं. उन्होंने रविवार की रात ही डीएस डॉ अरुण कुमार व डॉ शिवानी दास से स्पष्टीकरण मांग लिया.
उपायुक्त श्रीमती जाधव ने डॉ अरुण से कहा है कि कार्यालय में उनकी उपस्थिति नहीं दिखती है. जरूरी जानकारी के लिए वह फोन पर उपलब्ध नहीं रहते हैं. डीसी ने सवाल किया है कि आखिर सदर अस्पताल की व्यवस्था दुरुस्त क्यों नहीं है. वहीं डॉ शिवानी से पूछा गया है कि नाबालिग को जांच के लिए इंतजार किस स्थिति में करना पड़ा. सिविल सर्जन को पत्र भेजते हुए 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण का जवाब मांगा गया है. मामले में जब डॉ शिवानी दास से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि वह रविवार को लगातार ऑनकाॅल ड्यूटी पर थीं. जिस वक्त नाबालिग जांच के लिए अस्पताल आयी, वह लेबर रूम में थीं. उन्होंने नाबालिग की जांच वहीं की.हैवान पिता अब भी गिरफ्त से दूर, ढूंढ़ रही पुलिस
बताते चलें कि होली की रात यानी शनिवार को पीड़ित बच्ची के पिता ने ही अपने दोस्त से उसका दुष्कर्म कराया था. इंस्पेक्टर नवीन कुमार सिंह ने रविवार की रात नाबालिग की चिकित्सकीय जांच करायी. वहीं सोमवार को बच्ची का बयान न्यायालय में कलमबद्ध कराया गया. इधर, आरोपित राजेंद्र नगर निवासी लक्खीचंद गुप्ता को पूछताछ के बाद पुलिस ने सोमवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. जिस कार में दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया, उसे भी जब्त कर लिया गया है. आरोपित पिता अब भी फरार है. बालीडीह थाना की तीन टीमें उसे खोज रही हैं.पीड़ित बच्ची ने पुलिस को सुनाया अपना दर्द
पीड़ित बच्ची से बालीडीह पुलिस ने घटना की बाबत पूछताछ की है. बच्ची ने बताया कि उसका पिता होली की रात यानी शनिवार को दवा दुकान चलने की बात कह स्कूटी पर बैठा कर घर से निकला. राजेंद्रनगर इलाके में उसका एक दोस्त लक्खीचंद गुप्ता कार लेकर खड़ा था. पिता ने कार के पास स्कूटी रोकी और बच्ची को उतारकर उसमें बैठ गया. बकौल पीड़िता, पिता ने उसके दोनों हाथ पकड़ लिये. इसके बाद पिता के दोस्त लक्खीचंद गुप्ता ने जबरदस्ती करनी शुरू कर दी. बच्ची से दुष्कर्म होने के बाद उसका पिता घर के समीप उसे छोड़कर फरार हो गया. पीड़ित बच्ची ने देर रात अपनी मां को घटना के बारे में बताया. रविवार को मां ने बालीडीह थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी. इधर, सदर अस्पताल में दो घंटे तक नाबालिग की जांच नहीं होने पर मुख्यालय डीएसपी अनिमेष गुप्ता ने जानकारी डीसी विजया जाधव को दी. डीएस डॉ अरुण से संपर्क नहीं होने पर डीसी नाराज हो गयीं. सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण को मामले से अवगत कराया गया. इसके बाद स्वास्थ्य महकमा रेस हुआ.आपराधिक प्रवृत्ति का है पिता, ठेकेदारी करता है लक्खीचंद गुप्ता
पीड़िता का पिता आपराधिक प्रवृत्ति का है. लोगों से मारपीट करना, शराब पीना उसकी दिनचर्या है. वहीं, दुष्कर्म का आरोपी लक्खीचंद गुप्ता पेटी कॉन्टैक्टर है. साथ ही, किराये पर कार चलाता है. जिस कार में दुष्कर्म की घटना हुई, वह लक्खीचंद की ही है. जब्त कार से कई तरह के साक्ष्य पुलिस ने एकत्रित किये हैं. फॉरेंसिक टीम कार की जांच कर रही है.मामला गंभीर, विधि-सम्मत सख्त होगी कार्रवाई
उपायुक्त विजया जाधव ने कहा कि उपाधीक्षक और संबंधित चिकित्सक से स्पष्टीकरण मांगा गया है. 24 घंटे का समय दिया गया है. मामला गंभीर है. विधि-सम्मत सख्त कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

