बोकारो, उपायुक्त विजया जाधव के निर्देश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) जगरनाथ लोहरा ने शुक्रवार को जिले में संचालित सभी सीबीएसइ व आइसीएसइ विद्यालय प्राचार्यों-संचालकों से अभिभावकों से लगातार प्राप्त हो रही शिकायतों पर पत्र जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है. उन्हें पांच अप्रैल तक अपना जवाब समर्पित करने को कहा है.
डीइओ ने पत्र में निम्न बातों का उल्लेख किया है. इसमें सीबीएसइ से मान्यता प्राप्त सिलेबस होने के बावजूद एनसीआरटी कि किताबों के अलावा कई अन्य प्रकाशन की किताबें अभिभावकों को खरीदने के लिए विवश किया जा रहा है. यहां तक कि किसी व्यक्ति विशेष अथवा उनसे संबंद्ध दुकानों से ही किताबों की खरीदी करने के लिए प्रेषित की जा रही है. इसके अतिरिक्त एक ही सिलेबस के अगल-अलग किताबों को भी खरीदने के लिए अभिभावकों को प्रेषित किया जा रहा है. प्रत्येक वर्ष सिलेबस बदलने के नाम पर अलग-अलग किताबों की खरीदी के लिए अभिभावकों को सूची दी जा रही है, जिससे अभिभावकों के ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है. मनमानी तरीके से विभिन्न मदों में अभिभावकों से शुल्क की वसूली की जा रही है. प्रतिवर्ष पोशाक भी बदल दिए जाते हैं तथा बदले हुए पोषाक को किसी व्यक्ति विशेष के दुकान अथवा चिन्हित दुकान से ही उसकी खरीदारी करने के लिए प्रेषित किया जाता है.…तो लगेगा आर्थिक दंड
उपरोक्त बिंदुओं पर डीइओ ने सभी विद्यालयों को विद्यालय प्रबंधन समिति से मान्यता प्राप्त किताबों-पोशाकों-शुल्कों के संबंध में स्पष्ट प्रतिवेदन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे. ताकि उपायुक्त, बोकारो की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति के समक्ष उक्त प्रतिवेदन को रखा जा सके. स्पष्ट प्रतिवेदन प्राप्त नहीं होने की स्थिति में झारखंड शिक्षा न्यायाधीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2027 की धारा-7 (अ) (1) (2) (3) में निहित प्रावधानों के तहत संबंधित विद्यालय के विरुद्ध आर्थिक दंड लगाया जायेगा. बता दें कि निजी स्कूलों में मनमानी फीस बढोतरी, री एडमिशन, प्रतिवर्ष किताब बदलने के विरुद्ध झारखंड अभिभावक संघ के जिलाध्यक्ष महेंद्र कुमार राय ने डीसी बोकारो व कैंप टू निवासी डॉ राजकुमार ने झारखंड के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिकायत भी किया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है