कसमार, भाई और बहन के अटूट स्नेह, प्रेम और विश्वास का प्रतीक पर्व भाई फोटा (भैया दूज) गुरुवार को कसमार प्रखंड के बंगभाषी गांवों में पारंपरिक श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया. सूरजूडीह, धधकिया, रांगामाटी, कसमार चट्टी, खैराचातर, खुदीबेड़ा, बगदा और दांतू समेत कई गांवों में सुबह से ही त्योहार की विशेष रौनक रही. बहनों ने उपवास रखकर भाइयों की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना की. बहनों ने भाइयों के ललाट पर चंदन, अक्षत और दूब से तिलक लगाया और आरती उतारी. ‘भायेर कोपाले दिलाम फोटा, जोमेर दुवारे पोड़लो कांटा…’ इन पंक्तियों के साथ बहनों ने भाई की समृद्धि की प्रार्थना की, जबकि भाइयों ने भी बहनों को उपहार देकर जीवनभर साथ निभाने और रक्षा का संकल्प दोहराया. कार्यक्रम के बाद घर-घर में मिठाई, खीर और लड्डू जैसे पारंपरिक व्यंजन बनाये गये. भाई और बहन ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर अपने स्नेह का इजहार किया. सुरजूडीह निवासी पंडित माणिक मुखर्जी ने पर्व के महत्व के बारे में बताया. चास में मनाया गया भाई फोटा चास, चास शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में बंगाली समुदाय के लोगों ने गुरुवार को भाई बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक भाई फोटा धूमधाम से मनाया. बहनों ने अपने भाई को फोटा लगाकर दीर्घायु की कामना की और भाई बहन ने एक दूसरे को उपहार भी दिया.
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