सीपी सिंह, बोकारो, 04 बजकर 10 मिनट पर बीएसएल के टीए विभाग में धमाका की आवाज सुनायी दी. एक के बाद एक 12 धमाका हुआ. धमाका होने के तुरंत बाद आपातकाल सूचना चिकित्सक व फायर ब्रिगेड को दी गयी. एक मिनट के अंदर ही अग्निशमन वाहन व एंबुलेंस एक्टिव हुआ. 04 बजकर 13 मिनट पर झारखंड अग्निशमन दल की एक गाड़ी व एक छोटा एंबुलेंस पहुंचा. 04 बजकर 16 मिनट तक 04 बड़े एंबुलेंस व एक बीएसएल का अग्निशमन दस्ता पहुंच गया. धमाका में घायल लोगों की तलाश हुई. 05 मिनट के अंदर सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया. बुधवार को बीएसएल के टीए विभाग में गृह मंत्रालय की ओर से निर्देशित मॉक ड्रिल किया गया.
मॉक ड्रिल को लेकर बोकारो इस्पात संयंत्र के इस्पात भवन के पिछले हिस्सा में अस्थायी अस्पताल बनाया गया. इसमें आपातकाल को लेकर 10 बेड लगाये गये थे. हर बेड के लिए चिकित्सक व सहायकों की टीम तैनात थी. मरीजों के पहुंचते ही चिकित्सकों की टीम इलाज में जुट गयी. घायलों का इलाज क्रमवार व स्थिति के अनुसार किया गया. प्रारंभिक इलाज के बाद विशेषज्ञ चिकित्सकों ने इलाज किया. अस्थायी अस्पताल में इलाज के लिए चिकित्सक व सहायक का 50 सदस्यीय टीम मौजूद थी.बीएसएल के टीए विभाग व एडीएम भवन को कपड़ा से ढंक दिया गया था
इधर, सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए बीएसएल के टीए विभाग व एडीएम भवन के छत को कपड़ा से ढंक दिया गया था. साथ ही ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने के लिए वन-वे ट्रैफिक की व्यवस्था की गयी. बीएसएल टीए विभाग से लेकर इस्पात भवन तक भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी, जो ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगे हुए थे. एडीएम भवन के बाहर सुरक्षा के दृष्टिकोण से भारी संख्या में होम गार्ड, झारखंड पुलिस व सीआइएसएफ की तैनाती हुई थी.मिला आम लोगों का सहयोग
मॉक ड्रिल को लेकर आम लोगों का सहयोग भी मिला. चाहे वन-वे मार्ग की बात हो या फिर मॉक ड्रिल में प्रस्तुत घायल को अस्पताल पंहुचाने का मामला हो, हर स्थिति में लोगों ने सहयोग किया. मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमलों, एक साथ कई स्थानों पर आग लगने की घटनाओं व खोज-बचाव अभियान जैसे विभिन्न परिदृश्यों को दिखाया गया. लोगों को बचाव के उपाय भी बताये गये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है