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Bokaro: ‘हैंडपंप का पानी पीने योग्य नहीं’ प्रोजेक्ट को मिला एक्सीलेंट अवार्ड, DAV की दो छात्राएं सम्मानित

25वें बाल अधिकार कांग्रेस में चयनित हुआ दूषित भूमिगत जल बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरा प्रोजेक्ट. बोकारो डीएवी दो छात्राओं को किया गया सम्मानित

बोकारो, सुनील तिवारी : बोकारो डीएवी सेक्टर 6 की दो छात्राएं सुश्री गायन और सुनैना को हैंडपंप के पानी को ले जागरूकता के लिये राष्ट्रीय स्तर पर मिला एक्सीलेंट अवार्ड से सम्मानीत किया गया है. दोनों छात्राओं को 25वें बाल अधिकार कांग्रेस में “दूषित भूमिगत जल बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरा” प्रोजेक्ट के लिये राष्ट्रीय स्तर पर एक्सीलेंट अवार्ड मिला है.

हैंडपंप का पानी पीने से दोस्त हुए बीमार

सुश्री गायन व सुनैना कुमारी डीएवी-06 में क्लास आठवीं की छात्रा है. सुश्री गायन व सुनैना कुमारी ने सोमवार को प्रभात खबर से बातचीत करते हुए कहा कि, हमलोग के कुछ दोस्त अक्सर बीमार रहते थे. उन्हें डायरिया और पेट दर्द की शिकायत हमेशा होती थी. हमें लगा कि वह बार-बार बीमार क्यों पड़ते हैं? मैंने उनसे पूछा कि वह ऐसा क्या खाते हैं या क्या पीते हैं? उन्होंने बताया : वह खाना तो वही खाते हैं, जो सभी खाते हैं. लेकिन, पानी हैंडपंप से पीते हैं. एक दिन उनके घर गये. वहां देखा कि जहां उनका हैंडपंप है, उसी जगह नाली भी बह रही है. हैंडपंप का पानी भूमिगत जल है, जो नाली का पानी है, वह रिस करके जमीन में जाता है और जाने के बाद उस पानी को भी दूषित करता है, जो हैंडपंप से ले रहे हैं. इस तरह के हैंडपंप का पानी पेट की कई बीमारियों के लिए कारण है. साथ-साथ शरीर में होने वाली एलर्जी का कारण है. यहीं से हमें प्रेरणा मिली इस विषय पर काम करने की. इससे संबंधित प्रोजेक्ट बनाकर लोगों को जागरूक करने की कोशिश की है.

‘हैंडपंपों का पानी पीने योग्य नहीं’

सुश्री गायन व सुनैना कुमारी ने कहा : ग्रामीण क्षेत्र के कई हैंडपंपों का पानी पीने योग्य नहीं रह गया है. क्योंकि इस नल के पानी में बैक्टीरिया पाये जाने लगे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी पेयजल के लिए हैंडपंप का इस्तेमाल होता है. ज्यादातर गरीब तबके के लोग इसी नल का पानी पीते हैं. ऐसे में इसका पानी पीना एईएस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम), टायफाइड, डायरिया हेपेटाइटिस ए और ई (पीलिया) सहित कई घातक बीमारियों को न्यौता देना है. लोगों को हैंडपंप का पानी उबालकर पीना चाहिये. हैंडपंप के आस-पास हमेशा साफ-सफाई रखना चाहिये. इससे कई तरह की बीमारी से बचा जा सकता है.

 गायन और सुनैना के प्रोजेक्ट का बाल अधिकार कांग्रेस में हुआ था चयण

साइंस फॉर सोसाइटी झारखंड की ओर से गुमला के विशुनपुर में राष्ट्रीय स्तर पर 25वां बाल अधिकार कांग्रेस हुआ था. जिला स्तर पर सबसे पहले कुल 48 शोध आधारित प्रोजेक्ट में से राज्य स्तरीय के लिए 33 प्रोजेक्ट का चयन हुआ. इसमें डीएवी-6 की सुश्री गायन व सुनैना कुमारी भी शामिल थी. इसके बाद 33 प्रोजेक्ट में से राष्ट्रीय स्तर पर 16 प्रोजेक्ट का चयन हुआ. विशुनपुर, गुमला में प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र एवं भारतीय कृषि अनुसंधान केन्द्र के विशेषज्ञों द्वारा आकलन के आधार पर नौ प्रोजेक्ट का चयन हुआ. इनमें डीएवी-6 की सुश्री गायन व सुनैना कुमारी का प्रोजेक्टर भी शामिल है. दोनों को प्रमाण पत्र व मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया.

अनुशासन के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिये स्कूल कटिबद्ध : एसके मिश्र

सोमवार को विद्यालय में आयोजित सम्मान समारोह में सुश्री गायन व सुनैना कुमारी के साथ उनके माता-पिता को भी सम्मानित किया गया. प्राचार्य एसके मिश्र ने बच्चों की राष्ट्रीय स्तर की इस उपलब्धि पर गाइड शिक्षक के साथ ही बच्चों को बधाई दी. श्री मिश्र ने कहा : बच्चों को अनुशासन के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिये स्कूल परिवार कटिबद्ध है. स्कूल के शिक्षक-शिक्षिका के मार्गदर्शन व अभिभावकों के सहयोग से बच्चे बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. सुश्री गायन व सुनैना कुमारी की उपलब्धि इसी की एक कड़ी है. सेक्टर बारह निवासी सुश्री गायन के पिता शिवराम गायन इंजीनियर इलेक्ट्रिकल आईनॉक्स एयर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड-बीएसएल में कार्यरत है. माता जय श्री गायन गृहिणी है. सेक्टर छह: निवासी सुनैना कुमारी के पिता मोहन महतो नावाडीह के पूर्व प्रमुख है. माता मीरा देवी गृहिणी है.

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