बेरमो, बेरमो कोयलांचल की पहचान नामी-गिरामी गैरेज मिस्त्रियों से भी रही है. पहले बेरमो के अलावा बाहर से लोग अपनी गाड़ी मरम्मत कराने यहां आते थे. कोलियरियों में चलने वाले बड़े-बड़े शॉवेल, डोजर, पोकलेन मशीन के साथ साथ पुराने जमाने में छह चक्का डंपर का डाला बनाने का काम भी कोयलांचल में कई नामी मिस्त्री करते थे. 60-70 के दशक में मैकेनिकल मिस्त्री के रूप में आजम मिस्त्री, इंजन मिस्त्री के रूप में शामू मिस्त्री, सेल्फ व डायनेमो के अकबर मिस्त्री, डेटिंग-पेटिंग के बंधु मिस्त्री का बड़ा नाम था. छोटी-बड़ी गाड़ियों के क्रास मेंबर की लाइनिंग करने में माहिर माने जाते थे. मैकेनिक में टेनी मिस्त्री पूरे झारखंड में चर्चित थे. वह उस वक्त की विदेशी गाड़ियों का इंजन भारतीय कंपनियों की गाड़ियों में फिट कर देते थे. इंजन शामू मिस्त्री बुलेट मोटरसाइकिल के माहिर थे. बड़ी गाड़ियों की डेटिंग-पेटिंग में लुडू मिस्त्री का नाम था. नया डंपर बनाने में लीलधारी मिस्त्री का कोई जवाब नहीं था. मैकेनिकल मिस्त्री में आजम व जसीम का भी नाम था. 50-60 के दशक में बड़ी गाड़ियों की चेसिस बनाने में लखन मिस्त्री की ख्याति थी. इसी तरह कोहली इंजीनियरिंग व यूनाइटेड इंजीनियरिंग में वेल्डिंग व लैथ का काम हुआ करता था. जबकि मैकेनिकल में कन्नू मिस्त्री व हजारीबाग गैराज नामी था.
स्व शिबू सोरेन की पुरानी जीप में शामू मिस्त्री ने लगाया था नया डीजल इंजन
वर्ष 1965 में शमशुद्दीन उर्फ शामू मिस्त्री अपने दो भाईयों के साथ रामगढ़ से फुसरो आये थे. हेल्पर का काम करते हुए वे इस क्षेत्र के चर्चित मिस्त्री हो गये. एकीकृत बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व बिंदेश्वरी दुबे, स्व रामाधार सिंह, इंटक नेता स्व राजेंद्र प्रसाद सिंह, पूर्व सांसद स्व रामदास सिंह व डॉ सरफराज अहमद की एंबेसडर कार व जीप का मरम्मत शामू मिस्त्री ही करते थे. झामुमो सुप्रीमो स्व शिबू सोरेन की पुरानी जीप में शामू मिस्त्री ने ही नया डीजल इंजन लगाया था. 80 के दशक में ही पूर्व मंत्री स्व राजेंद्र प्रसाद सिंह ने पानागढ़ से जीप मंगवायी थी. इसका भी मॉडिफिकेशन इन्होंने ही किया था. 50-60 के दशक में जरीडीह बाजार के प्रसिद्ध उद्योगपति मणीलाल राघवजी कोठारी के पास विदेशी प्लाईमोथ कार थी. बाद के वर्षों में उस कार की बार मरम्मत शामू मिस्त्री ने किया था.
ट्रक का डाला बनवाने महंगू मिस्त्री के यहां नेपाल से आते थे लोग
फुसरो में डाला मिस्त्री व लैथ मशीन के मास्टर महंगू मिस्त्री माने जाते हैं. वर्ष 1992 में उन्होंने एक डाला ट्रक खरीदा तथा 1984 में फुसरो सिंह नगर में अपना वर्कशॉप खोला. फिलहाल इस वर्कशॉप में शॉवेल व पोकलेन मशीन का बकेट, हाइड्रोलिक, लैथ मशीन आदि का काम होता है. साथ ही यहां छह चक्का डंपर चेसिस का डाला बना करता था. कई राज्यों के अलावा उस वक्त नेपाल से भी लोग यहां चेसिस का डाला बनाने आते थे. महंगू मिस्त्री ने बेरमो में कई जगहों पर लोहा पुल का निर्माण किया, जिसमें जारंगडीह लोहा पुल की रिपेयरिंग के अलावा बोकारो थर्मल के निकट कोनार नदी पर लोहा पुल, स्वांग गोविंदपुर परियोजना में लोहा पुल, कारो में बंकर, गोविंदपुर में वर्कशॉप, आरआर शॉप जारंगडीह वर्कशॉप का आधा निर्माण, जारंगडीह व तारमी में फिडर ब्रेकर आदि का निर्माण किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

