गांधीनगर, चार नंबर रथ मंदिर में बुधवार को भगवान जगन्नाथ महाप्रभु को महास्नान कराया गया. इससे पहले गाजे-बाजे के साथ मंदिर परिसर से कलश यात्रा निकली और लोधरबेड़ा, जारंगडीह स्टेशन, रेलवे गेट होते हुए बनासो मंदिर के समीप कोनार नदी के तट पहुंची. यहां कलशों में जल भरा गया और कलश यात्रा पुन: मंदिर परिसर पहुंची. यहां विशेष पूजा शुरू हुई. पुजारी संतोष पांडे ने बताया कि भगवान जगन्नाथ को कलशों के जल से स्नान कराने के बाद वस्त्र बदल गया. इसके बाद मंगला आरती हुई. सूर्य देवता की पूजा हुई. शाम में पूजा के बाद भगवान जगन्नाथ महाप्रभु अज्ञातवास में चले गये. इस दौरान भगवान की काढ़ा से सेवा की जायेगी. 26 जून को नेत्र उत्सव का आयोजन होगा. 27 को रथयात्रा के दिन भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होंगे और रथ को चार कदम खींचकर मंदिर परिसर में ही खड़ा किया जायेगा. उस दिन यहां मेला भी लगेगा. 28 जून को भगवान की रथ यात्रा निकाली जायेगी, जो जरीडीह बाजार के गायत्री ज्ञान मंदिर स्थित मौसीबाड़ी तक जायेगी. यहां भगवान आठ दिनों तक विश्राम करेंगे. मौके पर मंदिर कमेटी के करुणाकर तांती, अध्यक्ष भगत बारिक, उपाध्यक्ष जगदीश महानंद, सचिव परमानंद तांती, कोषाध्यक्ष बलिराम तांती, उप कोषाध्यक्ष चमन तांती, प्रताप तांती, महेंद्र तांती, बादल तांती, दीपक तांती, दीपक कोहली, राजू बागरा, जगत तांती, अरतुत तांती, सत्येंद्र, मधु तांती, मनीष गोप, महावीर तांती, निमत्ति बागरा, शरद तांती, कैलाश तांती, नरेश तांती, कमला देवी, रविका बाग, बिंदु देवी, कल्पना देवी, मीरा देवी, पद्मिनी देवी, अनु देवी, यशोदा देवी, उमा देवी, संगीता देवी, शांति देवी, सूरजा देवी, राखी देवी, तिलोत्तमा देवी, सीमा देवी सहित कई लोग उपस्थित थे.
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