बोकारो थर्मल, पेंक नारायणपुर थाना क्षेत्र में मॉब लिंचिंग में 22 वर्षीय अब्दुल कलाम की मौत मामले को लेकर शुक्रवार को एक समुदाय विशेष के लोगों ने थाना के समीप शव रख कर थाना का घेराव किया. लोग दोषियों को गिरफ्तार कर फांसी की सजा दिलाने की मांग की. सूचना पाकर डुमरी विधायक जयराम महतो, बेरमो एसडीएम मुकेश मछुआ, नावाडीह बीडीओ प्रशांत कुमार हेंब्रम, नावाडीह सीओ अभिषेक कुमार, बेरमो सर्किल इंस्पेक्टर नवल किशोर, मुखिया सुखमति देवी पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया.
क्या है घटना
पेंक निवासी कयूम अंसारी का पुत्र अब्दुल सेंट्रिंग का काम करता था. गुरुवार को किसी काम को लेकर कडरूखुआ गांव गया था. आरोप है कि गांव के तालाब में स्नान करने गयी एक महिला के साथ उसने दुष्कर्म का प्रयास किया. महिला के शोर मचाने पर परिवार के सदस्य और ग्रामीण आ गये. अब्दुल के हाथों को बांध कर पिटाई की गयी. इस क्रम में ही उसकी मौत हो गयी. बाद में पुलिस उसे लेकर बोकारो थर्मल स्थित हॉस्पिटल ले गयी, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मामले को लेकर महिला के आवेदन पर स्थानीय थाना में मामला दर्ज किया गया. इधर, मृतक के चाचा मो कलीमुद्दीन ने थाना में आवेदन देकर कडरुखुआं निवासी बहाराम मांझी, रुपण मांझी व सुखला मांझी पर मारपीट करते हुए उसकी हत्या करने का आरोप लगाया है. इसके आधार पर मामला दर्ज किया गया है. आवेदन में कहा कि अब्दुल कलाम को मानसिक रूप से बीमार था. उसका इलाज चल रहा था. मामले में तीन नामजद आरोपियों में से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है.
वार्ता में बनी सहमति, ग्रामीणों ने जाम हटाया
थाना परिसर में विधायक जयराम महतो की उपस्थिति में वार्ता हुई़ इसमें अधिकारियों के अलावा ग्रामीण प्रतिनिधि उपस्थित थे़ मॉब लिंचिंग में सरकार द्वारा घोषित मुआवजा और एक आवास मृतक के परिजनों को देने की बात कही गयी. विधायक ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री से बात कर अलग से और मुआवजा दिलाने की बात कही़ इस ग्रामीण सहमत हुए और शाम लगभग साढ़े सात बजे शव परिजन व ग्रामीण ले गये़
अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष से मिला प्रतिनिधिमंडल
गांधीनगर. यूनाइटेड मिल्ली फोरम का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को राज्य अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष शमशेर आलम से रांची स्थित उनके कार्यालय में मिला और पेंक नारायणपुर थाना क्षेत्र में मॉब लिंचिंग में मारे गये मो अब्दुल कलाम के परिवार को न्याय दिलाने की मांग की. मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजने और विधानसभा से पारित भीड़ हिंसा निवारण कानून को राज्यपाल के पास फिर से भेजे जाने की सिफारिश करने की मांग की. साथ ही मृतक के परिवार को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की बात रखी. आयोग के उपाध्यक्ष ने आश्वासन दिया कि वे इस मामले में पहल करेंगे और दो दिनों में मृतक के परिवार से मिलेंगे. प्रतिनिधिमंडल में फोरम के संरक्षक डॉ हसन रजा, प्रदेश महासचिव अफजल अनीस, खालिद सज्जाद, जियाउल इस्लाम थे.
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