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ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए 2020 चुनौतीपूर्ण

बोकारो : पहले से ही प्रदूषण मानक संबंधित नियम और शर्त के कारण मंदा चल रहे ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए कोरोना आफत बनकर आया है. संक्रमण की शृंखला तोड़ने के लिए जारी लॉकडाउन ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए चुनौती है. लॉकडाउन इस सेक्टर को पूरे साल प्रभावित करेगा. इस साल बोकारो ऑटोमोबाइल सेक्टर को 30 % […]

बोकारो : पहले से ही प्रदूषण मानक संबंधित नियम और शर्त के कारण मंदा चल रहे ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए कोरोना आफत बनकर आया है. संक्रमण की शृंखला तोड़ने के लिए जारी लॉकडाउन ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए चुनौती है. लॉकडाउन इस सेक्टर को पूरे साल प्रभावित करेगा. इस साल बोकारो ऑटोमोबाइल सेक्टर को 30 % से अधिक का नुकसान होने का अंदेशा जताया जा रहा है.विशेषज्ञों की मानें तो ऑटोमोबाइल सेक्टर पिछले दो साल से मंदी की स्थिति में है. पहले बीएस 03 से बीएस 04 प्रदूषण मानक के कारण बिक्री पर असर हुआ था. फिर बीएस 04 से बीएस 06 मानक आने से 31 मार्च 2020 तक स्टॉक खाली करने का निर्देश दिया गया. इससे पहले कि स्टॉक खत्म होता लॉकडाउन हो गया.

सुप्रीम कोर्ट ने भी सिर्फ 10 % स्टॉक बेचने की अनुमति दी. इससे जिला में 1000 से अधिक दो पहिया और चारपहिया वाहन की बिक्री नहीं हो पायी. डीलर की पूंजी फंस गयी. अब लॉकडाउन में सेल व सर्विस बंद रहने से इस सेक्टर पर दोहरी मार की तरह है. मारुति सुजुकी के स्थानीय डीलर हिंदुस्तान ऑटो एजेंसी के जनरल मैनेजर मनीष कुमार ने बताया : लॉकडाउन से हर सेक्टर प्रभावित हुआ है, लेकिन ऑटोमोबाइल सेक्टर पर इसका असर देर तक देखा जायेगा. अगले एक साल में भी स्थिति में अगर सुधार देखने को मिल जाये तो यह अच्छा ही रहेगा. लॉकडाउन खत्म होने के बाद लोग पैसा जरूरी कार्य में खर्च करेंगे. कम से कम पांच महीने तक तो स्थिति ऐसी रहेगी. क्योंकि लॉकडाउन की इस स्थिति में लोगों ने अपनी जमा पूंजी का इस्तेमाल कर लिया है.

लोग फाइनेंस कराने के लिए भी जल्दबाजी नहीं करेंगे. बाजार की स्थिति देखने के बाद ही लोग शौक व आराम की चीज की ओर ध्यान देंगे. वही हीरो मोटर्स के स्थानीय डीलर पावर मोटर्स के जीएम मनीष कुमार ने बताया: केंद्र व राज्य सरकार की नीति के अनुसार ऑटोमोबाइल सेक्टर का भविष्य तय होगा. सरकार की ओर से इस सेक्टर में दबाव कम करने की कोशिश की गयी, तो भी सेक्टर के अच्छे दिन आने में छह महीने का समय लगेगा. अन्यथा इस सेक्टर के बारे में कोई भी दावा करना जल्दबाजी होगी.

लॉकडाउन के एक से दो महीने के बाद सर्विस में तो सुधार आयेगा, लेकिन सेल सुधार में अभी वक्त लगेगा.बीएस छह के सभी मॉडल में वाहन भी तैयार नहीं : एक अप्रैल से प्रदूषण मानक बीएस 6 की गाड़ी का ही रजिस्ट्रेशन होगा. सभी वाहन कंपनियां इसी मानक के अनुसार वाहन तैयार कर रहीं थीं, लेकिन विभिन्न कंपनियों के सभी मॉडल में इस मानक की गाड़ियां तैयार नहीं हो पायी थी. लॉकडाउन के कारण सभी वाहन फैक्ट्रियां बंद हैं.

लॉकडाउन करने के बाद भी शेष मॉडल के वाहनों को तैयार करने में वक्त लगेगा, इसका असर भी बाजार पर होगा. इसके अलावा ट्रांसपोर्टेशन, ब्रांडिंग समेत अन्य कार्य में भी ऑटोमोबाइल सेक्टर को बहुत तेजी दिखानी होगी.ऑटोमोबाइल कंपनियों के संगठन सियाम ने 12 अप्रैल को मार्च 2020 और वर्ष 2019-20 के आंकड़े जारी किये हैं. इसमें कहा गया है कि पैसेंजर वाहनों की बिक्री 51 फीसद घटकर 1,43,014 यूनिट्स रह गयी है. पैसेंजर वाहनों की बिक्री तो 89 फीसद घटकर 1,09,022 रह गयी है. टू-व्हीलर्स वाहनों की बिक्री में तकरीबन 40 फीसद की गिरावट देखी गयी है. सियाम के अध्यक्ष राजन वडेरा का कहना है कि मार्च में 21 दिनों के लॉकडाउन का एलान किया गया था, पूरी इंडस्ट्री ने इससे चुनौतीपूर्ण समय नहीं देखा है.

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