बोकारो : युवाओं में कला-संस्कृति व खेल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कमल क्लब का गठन किया गया. पूर्व सरकार के दिशा निर्देश पर बोकारो में 2017 में प्रखंड स्तरीय टीम बनायी गयी.
टीम तो जरूर बना दी गयी, लेकिन टीम को जरूरी संसाधन मुहैया नहीं कराया गया. स्थिति इसी से समझा जा सकता है कि जिला स्तरीय कमेटी का चुनाव दो साल बाद 29 जुलाई 2019 को हुआ. मतलब, प्रखंड से जिला स्तरीय कमेटी बनाने में जिला प्रशासन को दो साल का समय लग गया.
बावजूद इसके क्लब के पदाधिकारियों को न तो प्रमाण पत्र नसीब हुआ, न ही पहचान के लिए कोई आइडी कार्ड मिली. कमल क्लब के बोकारो जिला अध्यक्ष मुकेश कुमार ने बताया : 06 सितंबर 2019 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ बैठक की गयी थी. बैठक में पुस्तिका के माध्यम से योजनाओं की जानकारी मिलने व फंड आवंटन की बात कही गयी थी.
पंचायत स्तर पर एक लाख, प्रखंड स्तर पर दो लाख व जिला स्तर पर पांच लाख रूपया का फंड देने की बात हुई थी. बताया : किसी भी बात पर अमल नहीं किया गया, पहले अकाउंट खुलवाने की बात कही गयी. जब ये काम भी हो गया, फिर भी फंड निर्गत नहीं किया गया. जबकि जिला प्रशासन के पास 69 लाख रुपया का फंड पड़ा हुआ है.
श्री मुकेश ने बताया : फंड रिलीज करवाने के लिए हर स्तर से प्रयास किया गया. बेरमो के पूर्व विधायक योगेश्वर प्रसाद महतो से लिखित मांग की गयी. डीसी, डीडीसी व जिला योजना पदाधिकारी से इस संबंध में कई बार मुलाकात की गयी. क्लब के जिला उप सचिव पंकज रवानी ने कहा : फंड के अलावा भी कई समस्या है.
खिलाड़ी को 1000 रुपया प्रोत्सहन राशि देने की योजना थी. साथ ही हर प्रखंड में खेल का मैदान बनाने की बात कही गयी थी. किसी भी वादा पर प्रशासन की ओर से अमल नहीं किया गया. जब भी जिला योजना पदाधिकारी से इस संबंध में बात की गयी, वह वरीय पदाधिकारी के आदेश की बात कर मामले को टालते आये.