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तीन दिन बाद घर पहुंचा रंजीत का शव
पिंड्राजोरा : पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के बारपोखर गांव निवासी रंजीत कुमार महतो का शव शुक्रवार को घर पहुंचते ही गांव में मातम छा गया. पत्नी सहित परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. शाम में उसका अंतिम संस्कार किया गया. बता दें कि 14 अगस्त की शाम चास थाना क्षेत्र के आइटीआइ मोड़ पेयजल कार्यालय के […]
पिंड्राजोरा : पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के बारपोखर गांव निवासी रंजीत कुमार महतो का शव शुक्रवार को घर पहुंचते ही गांव में मातम छा गया. पत्नी सहित परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. शाम में उसका अंतिम संस्कार किया गया. बता दें कि 14 अगस्त की शाम चास थाना क्षेत्र के आइटीआइ मोड़ पेयजल कार्यालय के समीप ट्रक (जेएच09के-5806) ने साइकिल सवार रंजीत को पीछे से टक्कर मार दी थी.
इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गये थे. 15 अगस्त को बोकारो जनरल अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी थी. परिजनों का आरोप है कि मुआवजे की मांग को लेकर दो दिनों तक चास थाना का चक्कर काटते रहे. इसके बावजूद कुछ नहीं हुआ. वाहन मालिक बालीडीह निवासी सूरज साव ने मुआवजा देने से साफ इनकार कर दिया. परिजनों का आरोप है कि इस घटना में प्रशासन ने भी कोई रुचि नहीं दिखायी.
अंत में तीन दिन बाद थक-हार कर बारपोखर पंचायत के मुखिया, पंचायत समिति सदस्यों व ग्रामीण ने 38 हजार रुपये चंदा इकट्ठा कर अस्पताल में जमा किया, तब जाकर उन्हें शव दिया गया. मृतक के पिता, ससुर व ग्रामीणों का कहना है कि चास पुलिस व वाहन मालिक हम पर दबाव बना रहे थे कि केस नहीं करने के एवज में 50 हजार रुपये दिया जायेगा.
बता दें कि मृतक रंजीत चास में राज मिस्त्री का काम करता था. प्रतिदिन मजदूरी कर वह अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा था. मृतक के दो बच्चे मनोज कुमार(14) व पुष्पा कुमारी (11) है. परिवार को वह अकेला कमाऊ सदस्य था. परिजनों ने 15 अगस्त को चालक के खिलाफ चास थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
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