बोकारो : बोकारो के कई पुलिस कर्मी और अधिकारी एचआरए बचाने के लिए बीएसएल के आवास पर कब्जा कर रह रहे हैं. ऐसे पुलिस कर्मी विभाग का आवास नहीं लेना चाहते हैं. आंकड़ों के अनुसार बोकारो के 200 पुलिस कर्मियों और अधिकारियों ने बीएसएल के आवासों पर कब्जा किया हुआ है़ जबकि बोकारो जिला पुलिस पूल में बीएसएल प्रबंधन ने सेक्टरों में विभिन्न श्रेणी के 450 आवास आवंटित किया हुआ है़ इन आवासों में रहने वाले पुलिस कर्मियों व अधिकारियों को प्रतिमाह बिजली व पानी बिल के साथ आवास के रेंट का भुगतान स्वयं करना पड़ता है़
दूसरी ओर, सेक्टर 12 स्थित पुलिस लाइन मैदान में पुलिस कर्मियों व अधिकारियों के लिए बनाया गया 30 आवास दो साल से खाली पड़े है़ं बोकारो जिला में पुलिस कर्मियों की संख्या 2122 है़ इसमें अधिकारियों की संख्या 419 है़
लगभग दो वर्ष पूर्व सेक्टर 12 स्थित पुलिस लाइन मैदान में आठ मंजिला व तीन मंजिला भवनों का निर्माण किया गया था़ यहां लिफ्ट, पानी, बिजली व जेनेरेटर समेत अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है़ं आवासों में टाइल्स, मार्बल भी लगे हैं. इसके बाद भी विभागीय आवास लेने में कुछ पुलिस कर्मी व अधिकारी रुचि नहीं ले रहे है़ं पुलिस कर्मियों का विभागीय आवास बीएसएल प्रबंधन के क्वार्टरों की तुलना में हर दृष्टिकोण से बेहतर है़ इसके बाद भी कुल 128 आवासों में से 30 आवास अभी भी खाली पड़े हुए है़ं
िवभिन्न सेक्टरों में 200 आवासों पर है पुलिस वालों का कब्जा
पुलिस लाइन में बने 30 आवास दो साल से पड़े हैं खाली
ऐसे होता है एचआरए बचाने का खेल
बोकारो के पुलिस कर्मी व अधिकारी अपना हाउस रेंट एलाउंस (एचआरए) बचाने के लिए विभागीय आवास आवंटित नहीं करना चाहते है़ं विभागीय आवास की जगह बीएसएल प्रबंधन के आवास में रहने पर फिलहाल हाउस रेंट अलाउंस का लगभग तीन हजार से लेकर 10 हजार रुपये तक की प्रतिमाह बचत होती है़ सातवां वेतन आयोग की सिफारिश अप्रैल 2018 से लागू होने के बाद पुलिस कर्मियों को हाउस रेंट अलाउंस के रूप में मिलने वाली राशि दोगुनी (छह हजार से 20 हजार रुपये तक) हो जायेगी़
बोकारो के पुलिस कर्मियों को थाना परिसर में बने निजी आवास में रहने पर भी एचआरए की सुविधा में कटौती नहीं होती है़ इसके कारण पुलिस कर्मी व अधिकारी बीएसएल प्रबंधन के द्वारा बनाये गये आवास व थाना परिसर में बने आवास में ही रहना चाहते हैं, ताकि उन्हें एचआरए की सुविधा मिलती रहे़
इसे ऐसे समझें
बीएसएल प्रबंधन द्वारा पुलिस पूल में आवंटित विभिन्न श्रेणी के आवास का किराया बिजली व पानी समेत अधिकतम ढाई हजार है़ सातवां वेतन आयोग की सिफारिश लागू होने पर यह दो गुणा हो जायेगा. विभागीय आवास आवंटित कराने पर एचआरए की उक्त राशि में कटौती हो जायेगी़ यही कारण है कि पुलिस कर्मी व अधिकारी बीएसएल प्रबंधन व थाना परिसर में बने आवास में रहना चाहते है़
यह मामला मेरे संज्ञान में अभी आया है़ मामले की जांच कराने के बाद उचित कार्रवाई की जायेगी. कब्जा करने वाले पुलिस कर्मियों और अधिकारियों को बीएसएल का आवास खाली करना पड़ेगा़