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प्रत्येक वार्ड को मिले हैं मात्र 300 डस्टबिन, कैसे होगा वितरण

चास: नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत चास नगर निगम के निवासियों को भी गीला व सूखा कचरा अलग-अलग रखने के लिए डस्टबिन का वितरण किया जा रहा है. सभी वार्ड पार्षदों को निगम ने लोगों को गीला व सूखा कचरा संग्रह के लिये 150 -150 नीले […]

चास: नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत चास नगर निगम के निवासियों को भी गीला व सूखा कचरा अलग-अलग रखने के लिए डस्टबिन का वितरण किया जा रहा है. सभी वार्ड पार्षदों को निगम ने लोगों को गीला व सूखा कचरा संग्रह के लिये 150 -150 नीले व हरे रंग की डस्टबिन दिये हैं, लेकिन इससे वार्ड के सभी परिवारों को डस्टबिन वितरण करने में पार्षदों को काफी परेशानी व बदनामी का सामना करना पड़ रहा है.

निगम की ओर से पार्षदों को कहा गया कि सिर्फ होल्डिंग टैक्स जमा करने वाले लोगों को ही सबसे पहले दोनों तरह के डस्टबिन दिये जाएं. जबकि कई ऐसे वार्ड हैं, जहां के 90 फीसदी से अधिक लोग होल्डिंग टैक्स जमा करते हैं. ऐसे में यह संख्या 150 परिवार से काफी अधिक होने के कारण कई जगह डस्टबिन का वितरण भी नहीं किया गया है.

कई पार्षदों ने डस्टबिन का वितरण तो किया, लेकिन सभी को नहीं मिलने के कारण पार्षदों को खरी-खोटी सुनना पड़ रहा हैं. पार्षदों ने निगम से शीघ्र सभी परिवारों के लिये डस्टबिन उपलब्ध कराने की अपील की है. घर-घर गीला व सूखा कचरा के उठाव पर निगम को स्वच्छ भारत मिशन के तहत अंक प्राप्त होंगे. गीला एवं सूखे कचरा को प्राथमिक स्तर पर ही अलग-अलग करना चाहिये. गीले कचरे से एक ओर जहां बहुमूल्य खाद बनती है और हरियाली को बढ़ावा देने में सहायक है. वहीं सूखा कचरा रिसाइकिल हो जाता है. जिससे कई प्रकार के सामान का निर्माण किया जाता है. निगम ने एक एजेंसी के माध्यम से लगभग 20 हजार डस्टबिन की खरीदारी की है. निगम क्षेत्र के 35 वार्डों में 10500 डस्टबिन का वितरण किया गया है.

जबकि एक वार्ड में ही 500 से अधिक परिवार मौजूद हैं. ऐसे में जिन्हें डस्टबिन नहीं मिलेगा वे अपना कचरा कहां रखेंगे या फेकेंगे इस संबंध में निगम की ओर से कोई निर्देश नहीं जारी किया गया है. निगम के पास बाकी बचे 9500 डस्टबिन क्या हुये, इस संबंध में निगम के अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं है.

व्यापारिक प्रतिष्ठानों में बांटे गये : नगर निगम के अधिकारी स्वच्छ भारत मिशन के तहत क्षेत्र के व्यापारिक संस्थानों में डस्टबिन का वितरण कर रहे हैं. जबकि अभी वार्ड के घरों को ही डस्टबिन नहीं मिल पाया है. अधिकारियों ने नियम विरुद्ध इसे शहर के व्यापारियों को बांट दिये हैं.
होल्डिंग टैक्स जमा करने वाले लोगों व प्रतिष्ठानों को प्राथमिकता के आधार पर सबसे पहले डस्टबिन उपलब्ध कराना है. इसके बाद अन्य लोगों को भी डस्टबिन दिया जायेगा. डोर टू डोर कचरा उठाव का प्रावधान है. और डस्टबिन की खरीदारी करने के लिये नगर विकास विभाग को फंड की मांग की गयी है. जैसे ही फंड स्वीकृत हो जायेगी, प्रत्येक परिवार को डस्टबिन उपलब्ध करा दिया जायेगा.
भोलू पासवान, मेयर, चास नगर निगम
पार्षदों की सुनिए
हमारे वार्ड के 90 फीसदी से अधिक लोग होल्डिंग टैक्स जमा करते हैं. इसकी संख्या 150 से कई अधिक हैं. इसके बावजूद निगम की ओर से मात्र 150-150 डस्टबिन दिया गया है.
पूनम देवी, पार्षद, वार्ड 27
डस्टबिन वितरण के समय होल्डिंग टैक्स नहीं जमा करने वाले लोग भी पहुंच रहे हैं. उन्हें डस्टबिन नहीं मिलने पर गलत बातें कहते हैं. ऐसे में डस्टबिन वितरण करना विवाद हो रहा है.
वंदना शर्मा, पार्षद, वार्ड 13
विस्थापित पुनर्वास क्षेत्र में हमारा वार्ड शामिल हैं. होल्डिंग टैक्स जमा करने वाले लोगों को ही डस्टबिन वितरण करने का निर्देश है. ऐसे में कई लोगों को डस्टबिन नहीं मिल पा रहा है.
किशुनलाल गोप, पार्षद, वार्ड 25
12चास09 – अनिता देवी
स्लम बहुल क्षेत्र होने के कारण यहां डस्टबिन की अधिक जरूरत है. निगम ने मात्र 150 परिवारों के लिये दोनों तरह की डस्टबिन उपलब्ध कराया है. इससे कार्य नहीं हो पा रहा है.
अनिता देवी, पार्षद, वार्ड 15

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