बोकारो. स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) व भारतीय रेलवे के बीच दीर्घकालिक भाड़े के लिए समझौते पर मंगलवार को रणनीतिक सहमति बनी है. समझौते पर रेलवे और सेल के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में कोलकाता स्थित दक्षिण-पूर्वी रेलवे के सीसीएम कार्यालय में हस्ताक्षर किया गया. समझौते पर रेलवे की तरफ से दक्षिण-पूर्वी रेलवे के सीसीएम कौशिक मुखोपाध्याय व सेल की ओर से महाप्रबंधक (रेल मूवमेंट) देवब्रत मैती ने हस्ताक्षर किया. समझौता तीन वर्ष के लिए है. सेल भारतीय रेलवे के प्रमुख उपभोक्ताओं में से एक है. इसका रेल कोइफिशिएंट 95 प्रतिशत से अधिक है.
समझौता का प्रभावक्षेत्र : समझौते में आनेवाले भारतीय रेलवे के पंद्रह जोनों में लौह और इस्पात, कच्चा लोहा, स्लैग, लाइमस्टोन, डोलोमाइट, मैंगनीज अयस्क आदि जैसे दीर्घकालिक भाड़े के समझौते के लिए उपयुक्त विभिन्न सामान को टर्मिनल पर लादना और उतारना शामिल है. समझौता मानक सकल भाड़ा आय और इसके अनुरूप 19.3 मिलियन टन के साथ 1 सितंबर 2017 से प्रभावी होगा. मौजूदा समय में यह भारतीय रेलवे का सकल भाड़ा आय के संदर्भ में सबसे बड़ा दीर्घकालिक भाड़ा समझौता है. सेल के विभिन्न इस्पात संयंत्रों के प्रमुख आधुनिकीकरण व विस्तारीकरण कार्यक्रम पूरा होने के करीब हैं. इससे आवश्यक लाभप्रद वृद्धि प्राप्ति की पूरी संभावना है.
दोनों संगठनों के लिए लाभकारी : सेल को उम्मीद है कि लादने और उतारने से संबंधित क्षेत्रों में ढांचागत सुधार अवरोध को कम करेगा और इससे आने वाले समय में रेलवे वैगनों का कायाकल्प करने में लगने वाले समय को कम करने में मदद मिलेगी. इस तरह से दीर्घकालिक भाड़ा समझौता दोनों संगठनों के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी होगा.