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आसरा ने किया स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान, घर तक पहुंचकर जताया आभार

तेनुघाटः बेरमो अनुमंडल मुख्यालय तेनुघाट में समाजिक संस्था आसरा ने स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समारोह का आयोजन 15 अगस्त को किया गया था. इस आयोजन के जरिये उन परिवारों को सम्मानित किया गया था जिन्होंने आजादी की लड़ाई में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले नायकों के कुछ परिवार वाले […]

तेनुघाटः बेरमो अनुमंडल मुख्यालय तेनुघाट में समाजिक संस्था आसरा ने स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समारोह का आयोजन 15 अगस्त को किया गया था. इस आयोजन के जरिये उन परिवारों को सम्मानित किया गया था जिन्होंने आजादी की लड़ाई में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले नायकों के कुछ परिवार वाले इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके थे. सम्मान सिर्फ बड़े आयोजन के जरिये नहीं बल्कि दिल से निकली एक भावना होती है. आसरा ने इसी भावना के तहत जिम्मेदारी उठायी उस परिवार तक सम्मान पहुंचाने की. 15 अगस्त को आयोजित स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समारोह आय़ोजित करने में भारत माता मंदिर निर्माण समिति ने भी योगदान किया . इस आयोजन के तहत उन स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान दिया गया जिनके बलिदान के कारण आजा़दी मिली. उन महानायकों के परिवार वालों को बुलाया गया. उन्हें मोमेंटम के साथ चादर ओढ़ाकर सम्मानित किया गया.

आसरा द्वारा आयोजित स्वतंत्रता सेनानी और उनके वंशजों के सम्मान समारोह में आज़ादी के जंग में अहम भूमिका निभाने वाले गोमिया के होपन मांझी और लक्ष्मण मांझी के परिवार वाले किसी वजह से शामिल नहीं हो सके थे. आसरा ने लक्ष्मण मांझी के घर पहुंचकर उनकी छोटी पुत्रवधु मीना देवी को सम्मानित किया. मीना देवी लक्ष्मण मांझी की छोटी पुत्रवधु है. 3 पुत्र और तीन पुत्र वधु में अब सिर्फ छोटी बहू मीना देवी और उनकी पुत्री ही बची हैं. गोमिया में महात्मा गांधी ने आज़ादी के सिपाहियों को संबोधित किया था. होपन मांझी और लक्ष्मण मांझी ने ही गांधी जी को बैलगाड़ी से गोमो स्टेशन छोड़ा था. भारत छोड़ो आंदोलन में भी इनका अहम योगदान रहा। भारत के आज़ादी के बाद 1962 में लक्ष्मण मांझी को तत्कालीन बिहार सरकार का विधान परिषद सदस्य चुना गया .

बेरमो अनुमंडल में ऐसे कई योद्धा थे जिन्होंने असहयोग आंदोलन में भी अपना योगदान दिया. जिन्हें 15 अगस्त को सम्मान मिले उनमें- स्वतंत्रता सेनानी रामदास चैला, रामेश्वर पाण्डेय, सरयू कांदू , लालधारी कांदू, सुखदेव प्रसाद, विद्याशंकर तिवारी, हरिपाल तिवारी, मो0 यासीन अंसारी , अनिरुद्ध पाण्डेय, होपन मांझी और लक्ष्मण मांझी के परिवार वालों से हमने संपर्क किया. आसरा ने हाल में ही कथारा जारंगडीह में वीर कनक सिंह के सम्मान में एक समारोह का आयोजन किया था. आसारा के उदय शंकर झा ने कहा, हमारी छोटी सी कोशिश थी कि सभी स्वतंत्रता सेनानी परिवार के लोग एक मंच पर हों. हमारी पूरी टीम के कारण यह संभव हो सका, उन परिवारों को भारत माता मंदिर के मंच पर एकत्रित किया गया. उन्हें सम्मानित करके हमने यह संदेश देने की कोशिश की है कि हम उनके बलिदान को भूले नहीं है. उनके परिवार वालों को यह अहसास कराने की कोशिश की है कि आपने आजादी के लड़ाई में बहुत कुछ खोया होगा पर हमारी टीम का हर सदस्य आपके परिवार का हिस्सा है.

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