सरकार की तरफ से इस मामले में लोक अभियोजक प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने अदालत में पक्ष रखा़ न्यायालय में यह मामला सेशन ट्रायल संख्या 162/04 व सेक्टर चार थाना कांड संख्या 48/02 के तहत चल रहा था़ प्राथमिकी सेक्टर दो ए, आवास संख्या 01-127 निवासी मृतक छात्र कुंदन कुमार पिता सुरेंद्र कुमार सिंह ने दर्ज करायी थी. यह घटना 22 फरवरी 2002 की है.
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छात्र के आत्महत्या मामले में एचएम को तीन वर्ष की सजा
बोकारो: प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश संजय प्रसाद ने नौवीं कक्षा के एक छात्र को आत्महत्या के लिए उत्प्रेरित करने के मामले में बीआइएसएसएस सेक्टर आठ बी के सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक अवधेश कुमार सिंह (75 वर्ष) को तीन वर्ष कारावास की सजा दी है़ न्यायाधीश ने इस मामले में बुधवार को सजा सुनाते हुए सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक […]
बोकारो: प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश संजय प्रसाद ने नौवीं कक्षा के एक छात्र को आत्महत्या के लिए उत्प्रेरित करने के मामले में बीआइएसएसएस सेक्टर आठ बी के सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक अवधेश कुमार सिंह (75 वर्ष) को तीन वर्ष कारावास की सजा दी है़ न्यायाधीश ने इस मामले में बुधवार को सजा सुनाते हुए सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक को ऊंची अदालत में अपील में जाने के लिए फिलहाल एक निश्चित अवधि के लिए जमानत पर रिहा किया है़
सरकार की तरफ से इस मामले में लोक अभियोजक प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने अदालत में पक्ष रखा़ न्यायालय में यह मामला सेशन ट्रायल संख्या 162/04 व सेक्टर चार थाना कांड संख्या 48/02 के तहत चल रहा था़ प्राथमिकी सेक्टर दो ए, आवास संख्या 01-127 निवासी मृतक छात्र कुंदन कुमार पिता सुरेंद्र कुमार सिंह ने दर्ज करायी थी. यह घटना 22 फरवरी 2002 की है.
सुसाइड नोट के आधार पर दर्ज हुई थी एफआइआर
कुंदन कुमार ने स्कूल में जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या की थी. आत्महत्या के पूर्व छात्र कुंदन ने एक सुसाइडल नोट लिखा था़ उक्त सुसाइडल नोट कुंदन को बीजीएच मे भरती कराने वाले एक शिक्षक को कुंदन की जेब में मिला था. शिक्षक ने कुंदन का सुसाइडल नोट उसके पिता सुरेंद्र कुमार सिंह को दिया था़ इसी आधार पर कुंदन के पिता ने सेक्टर चार थाना में स्कूल के प्रधानाध्यापक के खिलाफ मामला दर्ज कराया था़ कुंदन ने सुसाइडल नोट में बताया था कि उससे स्कूल के प्रधानाध्यापक नौंवी कक्षा में पास करने के लिए एक हजार रुपये की मांग कर रहे थे़ कुंदन ने प्रधानाध्यापक से कई बार मिन्नत की और पैर पकड़ कर माफी भी मांगी, लेकिन प्रधानाध्यापक नहीं माने और कुंदन को एक हजार रुपये के लिये फेल कर दिया़
स्कूल में खा लिया था जहरीला पदार्थ
प्रधानाध्यापक की मांग की जानकारी कुंदन ने अपने परिजन को नहीं दी थी़ उसने नकली पास का रिजल्ट बनाकर अपने माता-पिता को दिखाया़ कुंदन ने दसवीं कक्षा का किताब-कॉपी भी खरीद लिया था़ कुंदन को फेल करने की जानकारी स्कूल से भी उसके माता-पिता को नहीं दी गयी थी़ वह स्कूल आता था, लेकिन 22 फरवरी को भेद खुल जाने के डर से उसने स्कूल में ही जहरीला पदार्थ खा लिया़ स्कूल में उल्टी होने पर अन्य शिक्षकों ने उसे बोकारो जेनरल अस्पताल में भरती कराया़ यहां कुछ घंटो के बाद उसकी मौत हो गयी थी़ पुलिस ने इस मामले में अनुसंधान के बाद प्रधानाध्यापक को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन अदालत में कुंदन के परिजनों ने इसका विरोध किया़ मृतक छात्र के परिजनों के विरोध के बाद अदालत ने इस मामले में संज्ञान लिया था़
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