रांची : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कांग्रेस के साथ महागंठबंधन बनाने के संकेत दिये हैं. उन्होंने इसके लिए कांग्रेस के सामने एक शर्त रख दी है.
मरांडी ने कहा है कि आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राज्य में भाजपा के खिलाफ बनने वाले महागठबंधन में शामिल होने के लिए वह तैयार हैं बशर्ते यह पहले तय कर लिया जाये कि महागठबंधन का नेतृत्व किसके हाथ में होगा.
इसके पहले झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा कह चुके हैं कि बाबूलाल मरांडी की पार्टी अब खड़ी नहीं, टूट चुकी है. जेवीएम के कई विधायक और पदाधिकारियों का बड़ा वर्ग भाजपा में शामिल हो चुका है. इसलिए पहले भी कहा था कि जेवीएम के जो बचे लोग हैं, वे भी भाजपा में आ जाएं.
झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि वह झारखंड में जनता के हित में महागठबंधन बनाये जाने के पक्ष में हैं और निश्चित रुप से इससे धर्मनिरपेक्ष मतों का बंटवारा रोकने में सहायता मिलेगी. उन्होंने हालांकि कहा कि ऐसा कोई गठबंधन बनाने से पहले यह तय होना आवश्यक है कि इस गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा? क्या मरांडी चाहते हैं कि झारखंड में कोई भी महागठबंधन उनके ही नेतृत्व में बने ? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘नहीं बिलकुल नहीं. मैं यह चाहता हूं कि जो भी महागठबंधन बने, वह स्थाई हो और चुनाव के बाद उसमें नेतृत्व को लेकर संघर्ष न हो.’’ उन्होंने कहा, ‘‘झारखंड में सत्ता के लालच और मुख्यमंत्री बनने की होड में कई सरकारें गिर चुकी हैं. लिहाजा यह मुद्दा तय किये बिना महागठबंधन बनाकर चुनावों में जाने से जनता का विश्वास जीता नहीं जा सकता.’’
इससे पहले यहां 22 सितंबर को कांग्रेस ने राज्य में अपने प्रभारी बी के हरि प्रसाद की उपस्थिति में वरिष्ठ नेताओं की बैठक में फैसला किया था कि वह झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव बिहार की तर्ज पर सत्ताधारी गठबंधन के अपने सहयोगियों झारखंड मुक्ति मोर्चा और राजद के अलावा जदयू के साथ भी महागठबंधन बनाकर लडेगी ताकि भाजपा के यहां सत्ता में वापसी के सपने को चकनाचूर किया जा सके.
झारखंड के कांग्रेस प्रभारी बी के हरिप्रसाद ने इस मुद्दे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की गहन बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में घोषणा की थी कि सहयोगी दलों में भी इस बात पर सहमति बनी है कि हर हाल में राज्य में भाजपा को सत्ता में आने से रोकना है.
इस बीच, नई दिल्ली में राहुल गांधी की उपस्थिति में एक बार फिर बुधवार को राज्य में महागठबंधन बनाने के मुद्दे पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं में मंत्रणा हुई. इस मंत्रणा के दौरान झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुखदेव भगत, झारखंड विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता और राज्य के वित्त मंत्री राजेन्द्र प्रसाद सिंह और प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी बी के हरि प्रसाद भी उपस्थित थे.
कांग्रेस नेताओं ने अभी इस बैठक के बारे में विस्तृत खुलासा नहीं किया है लेकिन प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने बताया कि दोनों दलों के नेताओं ने दिल्ली में राज्य में महागठबंधन की शर्तों पर विस्तार से बातचीत की. दोनों दलों के नेताओं में इस गठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल को भी शामिल करने पर सहमति है.