28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

क्या आप जानते हैं सुल्तानगंज से जल भरकर ‘बाबा धाम’ जाने की परंपरा किसने शुरू की थी?

देश भर में कुल द्वादश यानी की 12 ज्योतिर्लिंग हैं, इनका हिंदू धर्म में खास महत्व है. ऐसी मान्यता है कि स्वयं भगवान शिव जहां-जहां प्रकट हुए वहां-वहां शिवलिंगों को ज्योतिर्लिंगों के रूप में पूजा जाता है. इन्हीं 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है वैद्यनाथ धाम, जो झारखंड के देवघर जिले में स्थित है, इसे […]

देश भर में कुल द्वादश यानी की 12 ज्योतिर्लिंग हैं, इनका हिंदू धर्म में खास महत्व है. ऐसी मान्यता है कि स्वयं भगवान शिव जहां-जहां प्रकट हुए वहां-वहां शिवलिंगों को ज्योतिर्लिंगों के रूप में पूजा जाता है. इन्हीं 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है वैद्यनाथ धाम, जो झारखंड के देवघर जिले में स्थित है, इसे बाबा धाम के नाम से भी जाना जाता है. इस ज्योतिर्लिंग का खास महत्व इसलिए भी है क्योंकि यहां शक्तिपीठ भी है.

श्रावणी मेला : देवघर में ‘कामना लिंग’ के दर्शन से पूरी होती हैं मनोकामनाएं, यहां ऐसे पहुंचे थे भगवान भोलेनाथ

भगवान राम ने सुल्तानगंज से भरा था जल

देवघर में बाबा वैद्यनाथ को जो जल अर्पित किया जाता है, उसे शिव भक्त भागलपुर जिले के सुल्तानगंज में बहने वाली उत्तर वाहिनी गंगा से भरकर 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर बाबा वैद्यनाथ को अर्पित करते हैं. ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. भगवान वैद्यनाथ की पूजा विशेषकर रोगमुक्ति और कामनाओं की पूर्ति के लिए की जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार सबसे पहले भगवान श्रीराम ने सुल्तानगंज से जलभरकर देवघर तक की यात्रा की थी, इसलिए यह परंपरा आज भी विद्यमान है.

बाबा धाम में त्रिशूल नहीं पंचशूल

बाबा धाम की खासियत यह है कि यहां मंदिर के शीर्ष पर त्रिशूल नहीं बल्कि पंचशूल लगा हुआ है. इस पंचशूल को सुरक्षा कवज की संज्ञा दी जाती है. ऐसी मान्यता है कि यहां आने से भक्तों के सारे कष्ट दूर होते हैं. इस पंचशूल को शिवरात्रि के दिन उतारा जाता है और उसकी विशेष पूजा होती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें