प्रीति कांड : अदालत में दर्ज हुआ बयान, प्रीति ने कहा
प्रीति की हत्या के आरोप में पुलिस ने जेल में रखा है अजीत अमरजीत व अभिमन्यु को
महिला थाना ले जाया गया : प्रीति को बुंडू डीएसपी रामसरेख राय और पूर्व थाना प्रभारी विनोद कुमार टाटा सूमो वाहन से लेकर दिन के करीब 12 बजे कोर्ट पहुंचे. बयान दर्ज कराने के बाद प्रीति को उसी वाहन में वापस महिला थाना ले जाया गया.
रांची : प्रीति कुमारी का बयान बुधवार को न्यायिक दंडाधिकारी मनोज कुमार शर्मा की अदालत में दर्ज किया गया. प्रीति वही युवती है, जिसकी हत्या के आरोप में तीन युवकों अजीत, अभिमन्यु और अमरजीत को पुलिस ने जेल में बंद कर दिया है.
बुधवार को पुलिस ने प्रीति को न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया. करीब घंटे भर तक बंद कमरे में उसका बयान दर्ज किया गया. प्रीति ने न्यायिक दंडाधिकारी के सामने कहा कि उसकी हत्या के मामले में जेल में बंद अजीत, अभिमन्यु और अमरजीत निर्दोष हैं.
उसने बताया कि जब वह महेंद्र सिंह महिला महाविद्यालय में पढ़ती थी, तो कॉलेज के सामने स्थित एक लॉज के युवक से उसकी दोस्ती हुई थी. उसी के माध्यम से अजीत के साथ मित्रता हुई. बाद में वह अजीत से लगातार मिलने लगी. उससे प्रतिदिन बात होती थी. प्रीति का बयान लेने के बाद न्यायिक दंडाधिकारी ने उसे बुंडू थाने की निताशा बारला की अदालत में भेज दिया.
परिजनों ने की तुरंत रहा करने की मांग : प्रीति के बयान के दौरान जेल में बंद अजीत के चचेरे भाई चंदन कुमार और अमरजीत के चाचा हवलदार रमेश कुमार व भाई मुरारी भी कोर्ट पहुंचे. उन्होंने डीआइजी से अजीत और अमरजीत को तत्काल रिहा करने की मांग की. अजीत को 20 जून को परीक्षा देनी है. रमेश कुमार ने बताया : अमरजीत का प्रीति से कभी कोई संबंध नहीं था. अजीत के दोस्त होने के कारण पुलिस ने उसे जेल भेज दिया. उन्होंने कहा : मामले में डीएसपी मुख्य दोषी हैं. उन्हें तत्काल बरखास्त करना चाहिए. जिन थानेदारों को निलंबित किया गया है, उन्हें भी बरखास्त किया जाये.