रांची: राज्य में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के लिए नि:शुल्क किताब वितरण का टेंडर फाइनल हो गया. सोमवार को टेंडर का टेक्निकल बिड खोला गया था. मंगलवार को फायनेंशियल बिड खोला गया. टेंडर में 11 प्रिंटरों ने भाग लिया था जिसमें से छह को किताब आपूर्ति की जिम्मेदारी दी गयी.
वर्क ऑर्डर जारी होने के बाद प्रकाशक को 90 दिन के अंदर किताब की आपूर्ति करने को कहा गया है. प्रिंटर को एक सप्ताह के अंदर वर्क ऑर्डर जारी कर दिया जायेगा. प्रकाशकों को प्रखंड कार्यालय तक किताब पहुंचाने को कहा गया है. ऐसे में सितंबर अंत या अक्टूबर प्रथम सप्ताह तक बच्चों को किताब मिलने की संभावना है. झारखंड शिक्षा परियोजना ने किताब के लिए टेंडर प्रक्रिया इस वर्ष जनवरी में शुरू की थी. पहला टेंडर रद्द कर दिया गया. इसके बाद फिर से टेंडर निकला. राज्य सरकार द्वारा शैक्षणिक सत्र 2014-15 में लगभग 50 लाख बच्चों को किताब देने का लक्ष्य रखा गया है.
टेंडर की शर्त में हुआ बदलाव
टेंडर की शर्त में किये गये बदलाव के अनुरूप पहले टेंडर में पेपर मील की कागज उत्पादन की क्षमता 150 मीट्रिक टन प्रतिदिन थी. जिसे बढ़ाकर 300 मीट्रिक टन प्रति दिन कर दिया गया. इसके अलावा पूर्व में जारी टेंडर की शर्त के अनुसार टेस्ट बुक का कवर पेपर 170 जीएसएम, वजिर्न वाइट पल्प बोर्ड का रखा गया था. बाद में इसे बदल कर 170 जीएएसएम बंबू वुड /वजिर्न वाइट पल्प बोर्ड कर दिया गया. पहले जारी टेंडर में वार्षिक एक्सजाइज क्लीयरेंस सर्टिफिकेट वजिर्न पल्प पेपर के आधार पर देना था. बाद में इसे बंबू/वुड वजिर्न पल्प पेपर कर दिया गया. पेपर का स्पेसिफिकेशन 70 जीएसएम वाइट क्रीभ वोभ पेपर था. जिसे बाद में वाइट मैपलिथो और क्रीभ वोभ पेपर कर दिया गया.
समय पर किताब नहीं देने पर पेनाल्टी
टेंडर के शर्त के अनुरूप प्रिंटर को किताब उपलब्ध कराने के लिए 90 दिन का समय दिया गया. 90 दिन के बाद किताब आपूर्ति करने पर 97 दिन तक दो फीसदी, 104 दिन पर चार फीसदी, 111 दिन पर पांच फीसदी, 121 दिन पर सात प्रतिशत पेनाल्टी देनी होगी.
किताब आपूर्ति का टेंडर फाइनल कर दिया गया है. गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 11 फीसदी कम राशि पर किताब का टेंडर फाइनल हुआ. टेंडर प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती गयी है. पूरे प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करायी गयी है. समय पर प्रक्रिया शुरू नहीं होने के कारण किताब वितरण में विलंब हुआ.
गीताश्री उरांव, शिक्षा मंत्री