7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

महिला ने दी चुनौती वरिष्ठ नागरिक की देखभाल संबंधी कानून के तहत किया गया था बेदखल

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अभिभावकों और वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल और कल्याण (एमडब्ल्यूपीएससी) कानून, 2007 के अंतर्गत नियमों में संशोधन के लिए जुलाई 2017 की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर आप सरकार का जवाब मांगा है .

नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने अभिभावकों और वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल और कल्याण (एमडब्ल्यूपीएससी) कानून, 2007 के अंतर्गत नियमों में संशोधन के लिए जुलाई 2017 की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर आप सरकार का जवाब मांगा है .

इस कानून के नियमों में बदलाव कर बजुर्गों को अपनी संपत्ति से अपने बच्चों या कानूनी वारिस को बेदखल करने की अनुमति दी गयी है . न्यायमूर्ति डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने एक महिला की याचिका पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया और जवाब दाखिल करने को कहा है .

Also Read:
कोरोना संक्रमण में तीसरे स्टेज के मरीजों के लिए प्लाज्मा थेरेपी प्रभावी नहीं : दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री

महिला के ससुरालवालों ने एमडब्ल्यूपीएससी कानून के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जिसके कारण उनके खिलाफ बेदखल करने का आदेश दिया गया. महिला ने कानून के तहत गठित न्यायाधिकरण द्वारा 11 अगस्त को बेदखल करने के आदेश को भी चुनौती दी है . उन्होंने दावा किया है कि उसके सास-ससुर ने इस कानून के तहत इसलिए शिकायत की क्योंकि उन्होंने अपने पति के खिलाफ शराब के नशे में कई बार मारपीट करने को लेकर शिकायतें दर्ज करायी थी.

दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करते हुए पीठ ने वैवाहिक मामले से जुड़े विवाद को मध्यस्थता के लिए भेज दिया और महिला और उसके सास-ससुर को 15 सितंबर को मध्यस्थ के सामने पेश होने को कहा . पीठ ने कहा कि मामले के तथ्यों और हालात पर विचार करने के बाद पक्षों के बीच सुलह की गुंजाइश है. इसलिए ‘‘हम दिल्ली उच्च न्यायालय के मध्यस्थता केंद्र में मध्यस्थ के पास मामले को भेज रहे हैं . ” पीठ ने संपत्ति से उनको बेदखल करने के संबंध में यथास्थिति भी बनाए रखने का निर्देश दिया

Posted By – Pankaj Kumar Pathak

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें