बिहार : केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरन रिजिजू ने बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया. उनके इस प्रस्ताव पर फिलहाल लोकसभा में बहस चल रही है जो शाम 8 बजे तक चलेगी. उसके बाद इस मुद्दे पर वोटिंग होगी. इन सबके बीच हम आपको ये बताएंगे कि वक्फ बोर्ड बिहार में कितनी संपत्ती पर मालिकाना हक रखता है.

बिहार में वक्फ के पास है अरबों की जमीन
बता दें कि पिछले दिनों वक्फ संशोधन को लेकर बनाई गई जेपीसी की टीम ने बिहार का दौरा किया था. इस दौरान उनके पास एक रिपोर्ट जमा की गई. जिसमें बताया गया कि बिहार में इस समय दो वक्फ बोर्ड संचालित हैं- बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड एवं बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड. इन दोनों वक्फ बोर्ड के पास तकरीबन 29 हजार बीघा जमीन है. इनमें शिया वक्फ बोर्ड के पास करीब 5 हजार बीघा तो सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास 24 हजार बीघा जमीन है. अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सूत्रों के अनुसार शिया वक्फ बोर्ड के पास 1672 परिसंपत्तियां हैं, जबकि सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास 6480 परिसंपत्तियां हैं.
1947 और 48 में हुई थी बिहार वक्फ बोर्ड की स्थापना
बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड की स्थापना 1948 में बिहार में वक्फ के भीतर बेहतर प्रशासन के लिए की गई थी. सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अभी इरशादुल्लाह हैं, जबकि बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड की स्थापना बिहार वक्फ अधिनियम 1947 के तहत की गई थी. शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद अफजल अब्बास हैं.

बिहार से ज्यादा इन राज्यों में है वक्फ की संपत्तियां
2022 में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर एक रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि देशभर में वक्फ के पास कुल 7 लाख 85 हजार 934 संपत्तियां हैं. वक्फ के पास सबसे ज्यादा संपत्ति उत्तर प्रदेश में है. इसके बाद बंगाल में वक्फ के पास 80 हजार 480 और तमिलनाडु में 60 हजार 223 संपत्तियां हैं.
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वक्फ बोर्ड के पास 9 लाख एकड़ से ज्यादा की संपत्ति
रिपोर्ट के मुताबिक, वक्फ बोर्ड के पास करीब 9 लाख एकड़ से ज्यादा की संपत्ति है. जमीन के मामले में वक्फ बोर्ड तो देश का तीसरा सबसे बड़ा भूस्वामी है. वक्फ बोर्ड से ज्यादा जमीन सिर्फ रेलवे और सशस्त्र सुरक्षा बलों के पास है. देश में पहला वक्फ कानून 1954 में आया था. उस समय नेहरू सरकार ने वक्फ बोर्ड अधिनियम 1954 के तहत भारत से पाकिस्तान गए मुसलमानों की जमीन वक्फ बोर्ड को दे दी.