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सहस्त्र चंडी महायज्ञ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़

महनार : महनार के शाहपुर में आयोजित नौ दिवसीय सहस्त्र चंडी महायज्ञ में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुट रही है. अहले सुबह ही ग्रामीण और आसपास के गांवों के लोग स्नान कर पूजन सामग्री के साथ माता के विभिन्न रूपों की पूजा-अर्चना कर परिक्रमा करने पहुंच रहे हैं. महायज्ञ का आयोजन सामाजिक […]

महनार : महनार के शाहपुर में आयोजित नौ दिवसीय सहस्त्र चंडी महायज्ञ में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुट रही है. अहले सुबह ही ग्रामीण और आसपास के गांवों के लोग स्नान कर पूजन सामग्री के साथ माता के विभिन्न रूपों की पूजा-अर्चना कर परिक्रमा करने पहुंच रहे हैं. महायज्ञ का आयोजन सामाजिक कार्यकर्ता खन्ना सिंह की देखरेख में किया जा रहा है.

जिसमें यज्ञ समिति के सचिव व पूर्व सरपंच कमल कुमार सिंह, स्थानीय मुखिया सह मुखिया संघ के महनार प्रखंड अध्यक्ष संगीता सिंह,सरपंच समीना देवी, यज्ञ समिति सदस्य संजय सिंह, मुरारी सिंह, पप्पू सिंह, नित्यानंद सिंह, रमेश सिंह, विंदेश्वर सिंह, मिथिलेश सिंह, अमरनाथ सिंह, मुन्ना सिंह, सच्चिदानंद सिंह, महेश सिंह, मुरारी सिंह, सुनील पासवान, रामप्रवेश सिंह, रामनरेश सिंह समेत अन्य ग्रामवासी सफल बनाने में जुटे हैं.

वहीं शक्ति साधना धाम आश्रम विंध्याचल से आये किरण शास्त्री और डॉ अखिलानंद शास्त्री जी ने अपने प्रवचन के दौरान कहा कि समस्त जीव के अंदर शक्ति निहित है, जिससे जीव सभी क्रियाओं का संपादन सही रूप से करते हैं. मानव शरीर में पांच देवियों श्री,ऋ,धी ,शांति और कृति, पांच देवों एवं आत्मा समेत 11 शक्तियां विराजमान हैं, जिसके चलते मनुष्यरूपी शरीर को ईश्वर से श्रेष्ठ समझा जाता है. किंतु जैसे ही हमारे शरीर में व्याप्त शक्तियों का ह्रास होना शुरू होता है,
हम रोगों से घिर जाते हैं और धीरे-धीरे इन सभी शक्तियां शरीर से बाहर निकल जाती हैं और सिर्फ आत्मा बच जाती है.आज हम विभिन्न समस्याओं से ग्रसित हो चुके हैं, हमारा आसन और असन बिगड़ चुका है. इस वजह से मानव शरीर विभिन्न व्याधियों से ग्रसित होता जा रहा है. हमारे अंदर जो शक्तियां हैं,
उनको जागृत करने का यज्ञ एक माध्यम है, जो साधना की कला सिखाता है और यही साधना हमारे शरीर में मौजूद शक्ति पूंज से टकराती हैं और हमें अंधकार से प्रकाश की और जाने का मार्ग दिखाती हैं, जिससे हमारे अंदर बैठे दानव रूपी काम, क्रोध ,मोह, लोभ और ईर्ष्या खत्म होती है और हमारे अंदर आत्मबल प्रबल होकर समाज में फैली बुराइयों को खत्म करने में सहायता करती हैं.

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