बाल संरक्षण समिति. अब बच्चों के अधिकारों का हनन करना पड़ेगा महंगा
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गठन की प्रक्रिया हुई शुरू
बाल संरक्षण समिति. अब बच्चों के अधिकारों का हनन करना पड़ेगा महंगा गोपालगंज : शहर से लेकर गांव तक बाल अधिकारों का हनन करनेवालों की अब खैर नहीं है. जिला बाल संरक्षण इकाई की ओर से प्रखंड, ग्राम पंचायत व शहर में वार्ड स्तर पर बाल संरक्षण समिति के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी […]
गोपालगंज : शहर से लेकर गांव तक बाल अधिकारों का हनन करनेवालों की अब खैर नहीं है. जिला बाल संरक्षण इकाई की ओर से प्रखंड, ग्राम पंचायत व शहर में वार्ड स्तर पर बाल संरक्षण समिति के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. पंचायत स्तर पर यह समिति अपने-अपने स्तर पर बच्चों से संबंधित किसी भी शिकायत पर शीघ्र कार्रवाई करेगी. वहीं बच्चों के हित में माता-पिता एवं समुदाय के व्यवहार में परिवर्तन लाने की पहल भी की जायेगी. साथ ही समुदाय में बाल अधिकार के हनन की रिपोर्ट
, सरकार के माध्यम से बच्चों के लिये चलाये जा रहे कार्यक्रमों व योजनाओं के प्रति समुदाय को जागरूक करना एवं विषम परिस्थितियों में रह रहे बच्चों की पहचान कर उनके लिए योजना तैयार करना इस समिति की प्राथमिकता में शामिल होगा. विभिन्न स्तर पर बनायी जा रहीं ये समितियां बच्चों के पालन पोषण, शिक्षा से वंचित करने, अधिकार हनन, शोषण, लिंग आधारित गर्भपात, बाल विवाह, गुमशुदगी, लड़कियों के साथ भेदभाव, बच्चों के पलायन, टोलो एवं गांव में जागरूकता कार्यक्रम चलाना, जबरन या बंधुआ मजदूरों, किसी बाल व्यापारी से बच्चे की सुरक्षा पर खतरे की जानकारी मुहैया कराना, परिवार एवं स्कूल में शारीरिक दंड व प्रताड़ना जैसे प्रचलन पर रोक लगाने का काम करेगी. वहीं जन्म पंजीकरण, स्कूल में दाखिला, आंगनबाड़ी केंद्रों पर दाखिला, खास कर बालिकाओं को स्कूल भेजने पर भी ये समितियां जोर देंगी.
प्रखंड स्तर पर प्रमुख होंगे अध्यक्ष
प्रखंड स्तर पर बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष प्रमुख होंगे. वहीं आरडीओ सह अध्यक्ष व उपप्रमुख उपाध्यक्ष की भूमिका में रहेंगे. सीडीपीओ इस समिति के संयोजक एवं सचिव होंगी. सभी जिला पार्षद, सभी पंस सदस्य के अलावा 17 पुरुष व दो महिलाएं सदस्य होंगे. इसमें बीएमओ, बीइओ व चाइल्ड लाइन के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
बाल संरक्षण के लिए पंचायत स्तरीय कमेटी में मुखिया समिति अध्यक्ष, उपमुखिया उपाध्यक्ष व आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिका सचिव के रूप में कार्य करेंगे.
वहीं, सभी वार्ड सदस्य, स्कूल शिक्षक, एएनएम, विकास मित्र, आंगनबाड़ी सेविका सहित 20 सदस्य व सभी वार्ड सदस्य एवं सात महिलाओं सहित सभी वार्ड सदस्य महिलाएं रहेंगी.
प्रत्येक वार्ड में होंगे समिति के 21 सदस्य : शहरी वार्डों में बाल संरक्षण समिति में पार्षद सहित कुल 21 सदस्य होंगे.
जिनमें छह महिलाएं भी शामिल होंगी. वार्ड पार्षद इसके अध्यक्ष होंगे एवं टोला सेवक, स्कूल शिक्षक, आशा सहित अन्य सदस्य शामिल होंगे.
बच्चों के अधिकार हनन पर होगी कार्रवाई : शहर से लेकर वार्ड तक बाल संरक्षण समिति के द्वारा बच्चों के जीवन जीने के अधिकार, शोषण के विरुद्ध व शिक्षा सहित किसी भी प्रकार के अधिकारों का हनन करनेवालों पर कानून के दायरे में कार्रवाई होगी.
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