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दम तोड़ रही सोलर पंप से जलापूर्ति की योजना

राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत जिले में मिनी पाइप जलापूर्ति योजनाओं का हाल भी खस्ता है. कई योजनाओं में 50 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं हो पाया है. सूखाग्रस्त क्षेत्रों में सोलर पंप के साथ मिनी पाइप जलापूर्ति योजना में जिले के आठ में से चार स्थानों पर ही काम पूरा हो सका है. […]

राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत जिले में मिनी पाइप जलापूर्ति योजनाओं का हाल भी खस्ता है. कई योजनाओं में 50 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं हो पाया है. सूखाग्रस्त क्षेत्रों में सोलर पंप के साथ मिनी पाइप जलापूर्ति योजना में जिले के आठ में से चार स्थानों पर ही काम पूरा हो सका है. आर्सेनिक प्रभावित गांवों में सोलर सिस्टम एवं ट्रीटमेंट यूनिट के साथ मिनी पाइप जलापूर्ति योजना में 10 में से चार स्थलों पर ही काम पूरा हुआ है.
इस योजना के लिए सभी 10 स्थान राघोपुर प्रखंड में उपलब्ध कराये गये हैं. सूखाग्रस्त क्षेत्रों में विद्युत पंप के साथ मिनी पाइप जलापूर्ति योजना का लगभग 90 प्रतिशत काम बाकी है. इस योजना में जिले के 45 में से मात्र छह स्थलों पर ही कार्य पूरा हो पाया है. इसी तरह अनुसूचित जाति बहुल बस्तियों में सौर ऊर्जा चालित पंप के साथ मिनी पाइप जलापूर्ति योजना में महज एक पर काम पूरा हो पाया है.
हाजीपुर : वैशाली जिले में ग्रामीण जलापूर्ति की कई योजनाएं अधर में हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट दूर करने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलायी जा रही हैं. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की लापरवाही के कारण ये योजनाएं पूरी नहीं हो पा रहीं. मौजूदा वित्तीय वर्ष भी समापन की ओर है. स्थिति यह है कि लगभग आधा दर्जन योजनाएं आधी-अधूरी हैं और कुछ पर काम भी शुरू नहीं हो सका है. विभाग द्वारा विभिन्न जलापूर्ति योजनाओं में अब तक किये गये कार्यों पर एक नजर.
सोलर ऊर्जा चालित ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजना : जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यकम के अंतर्गत सोलर ऊर्जा चालित ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजना की शुरुआत की गयी थी.
जिले के छह स्थानों पर 480 लाख रुपये की प्राक्कलित राशि से इस काम को पूरा करना है. जिले के राजापाकर, अरनिया, मालपुर, लावापुर महनार, सहदेई बुजुर्ग एवं ममरेजपुर धर्मपुर में इस योजना पर काम किया जा रहा है. प्रत्येक स्थान के लिए 80 लाख रुपये की राशि निर्धारित की गयी है. इनमें ममरेजपुर धर्मपुर में काम का टेंडर भी नहीं निकाला गया.
विभाग का कहना है कि ममरेजपुर में स्थल की कमी के कारण काम करना संभव नहीं है. बाकी पांच स्थानों में अरनियां को छोड़ कर सभी जगहों के काम अधूरा पड़ा है. राजापाकर में अभी तक जलमीनार नहीं बनी, जबकि मालपुर में सोलर पैनल स्थापित नहीं किया जा सका. लावापुर महनार में भी जलमीनार का निर्माण नहीं हो पाया है. सहदेई बुजुर्ग के बारे में विभाग का कहना है कि योजना जलमीनार से चालू कर दी गयी है.
मिनी पाइप जलापूर्ति योजना: राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत जिले में मिनी पाइप जलापूर्ति योजनाओं का हाल भी खस्ता है. कई योजनाओं में 50 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं हो पाया है.
सूखाग्रस्त क्षेत्रों में सोलर पंप के साथ मिनी पाइप जलापूर्ति योजना में जिले के आठ में से चार स्थानों पर ही काम पूरा हो सका है. आर्सेनिक प्रभावित गांवों में सोलर सिस्टम एवं ट्रीटमेंट यूनिट के साथ मिनी पाइप जलापूर्ति योजना में 10 में से चार स्थलों पर ही काम पूरा हुआ है. इस योजना के लिए सभी 10 स्थान राघोपुर प्रखंड में उपलब्ध कराये गये हैं. सूखाग्रस्त क्षेत्रों में विद्युत पंप के साथ मिनी पाइप जलापूर्ति योजना का लगभग 90 प्रतिशत काम बाकी है. इस योजना में जिले के 45 में से मात्र छह स्थलों पर ही कार्य पूरा हो पाया है. इसी तरह अनुसूचित जाति बहुल बस्तियों में सौर ऊर्जा चालित पंप के साथ मिनी पाइप जलापूर्ति योजना में महज एक पर काम पूरा हो पाया है.
ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजना : जिले में वर्ष 2013-14 एवं 14-15 में स्वीकृत आठ ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजनाओं में पांच पर अभी तक काम भी शुरू नहीं हो पाया है. बाकी तीन में कहीं पाइप लाइन, कहीं बोरिंग तो कहीं जलमीनार का काम अधूरा है. अधूरी पड़ी योजना में सदर प्रखंड के धरहरा, गुड़मियां एवं वैशाली प्रखंड के भगवानपुर रत्ती की योजनाएं शामिल हैं. जिले के दाऊदनगर, नगवां, कन्हौली, पिरोई एवं मदरना में स्वीकृत इस योजना पर काम की शुरुआत भी नहीं हो सकी है.
आंकड़ों में जलापूर्ति योजनाएं : सूखाग्रस्त क्षेत्रों में सोलर पंप के साथ मिनी पाइप जलापूर्ति योजना में –
प्राक्कलित राशि-157.20 लाख रुपये.
आवंटन प्राप्त हुआ-50.00 लाख रुपये.
खर्च की गयी राशि-23.83 लाख रुपये.
आर्सेनिक प्रभावित गांवों में सोलर सिस्टम व ट्रीटमेंट यूनिट के साथ मिनी पाइप जलापूर्ति योजना में प्राक्कलित राशि-450.87 लाख रुपये.
आवंटन प्राप्त हुआ-150.00 लाख रुपये.
खर्च की गयी राशि-120.95 लाख रुपये.
सूखाग्रस्त क्षेत्रों में विद्युत पंप के साथ मिनी पाइप जलापूर्ति योजना में –
प्राक्कलित राशि-666.00 लाख रुपये.
आवंटन प्राप्त हुआ-147.00 लाख रुपये.
खर्च की गयी राशि-98.44 लाख रुपये.
अनुसूचित जाति, जनजाति बहुल बसावटों में सौर ऊर्जा चालित पंप के साथ मिनी पाइप जलापूर्ति योजना में-
आवंटन प्राप्त हुआ-90.00 लाख रुपये.
खर्च की गयी राशि-08.00 लाख रुपये.

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