हाजीपुर : वैशाली थाने में पदस्थापित एएसआइ अशोक कुमार यादव हत्याकांड में पुलिस को अब तक कोई बड़ी कामयाबी हाथ नहीं लगी है और वह इस मामले में विभिन्न पहलुओं पर जांच कर रही है. सूत्रों ने बताया कि पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार द्वारा गठित टीम इस मामले में सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है,
लेकिन उसके हाथ अब तक खाली हैं. इस मामले में अब तक कोई सुराग हाथ नहीं लगने से इस मामला के भी ठंडे बस्ते में चले जाने के कयास लगाये जाने लगे हैं, हालांकि पुलिस सूत्रों का कहना है कि एएसआइ के मोबाइल सीडीआर से भी पुलिस को कुछ खास हाथ नहीं लगा.
क्या है मामला : गत आठ जनवरी को वैशाली थाने में पदस्थापित एएसआइ अशोक कुमार यादव की हत्या कर उनके शव को सदर थाना क्षेत्र के मनुआ गांव के चौर में फेंक दिया गया था. उनका सर्विस रिवाल्वर भी गायब था. शव मिलने से पूरे सूबे में प्रशासनिक क्षेत्र में सनसनी फैल गयी थी और तिरहुत प्रक्षेत्र के आइजी पारसनाथ ने आकर मामले की स्वयं मॉनीटरिंग करने की घोषणा की थी.
गांव में नहीं थी किसी से अदावत : हत्या के बाद गठित टीम ने उनके गांव जाकर उनकी पूर्व दुश्मनी आदि के संबंध में छानबीन की. इस छानबीन में यह तथ्य सामने आया कि उनके गांव में किसी से उनकी अदावत नहीं थी. पदस्थापित थाने में भी उनके जिम्मे ऐसा कोई केस नहीं था, जिसके अभियुक्तों पर हत्या का संदेह हो.
ऐसे में सवाल यह है कि उनकी हत्या क्यों और किसने की.
कहीं रिवाॅल्वर के लिए तो नहीं हुई हत्या : उनके पास से उनका सर्विस रिवाल्वर गायब था, इससे यह शंका होती है कि कहीं अपराधियों ने उनके रिवाल्वर छीनने के लिए तो उनकी हत्या न कर दी.