हाजीपुर : शहर के ऐतिहासिक गांधी आश्रम के परिसर में स्थित गांधी स्मारक पुस्तकालय की मासांत कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ. साल की अंतिम गोष्ठी में दर्जनाधिक कवियों ने अपनी रचनाएं सुनायीं.
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कवि गोष्ठी में बही कविता की रसधारा
हाजीपुर : शहर के ऐतिहासिक गांधी आश्रम के परिसर में स्थित गांधी स्मारक पुस्तकालय की मासांत कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ. साल की अंतिम गोष्ठी में दर्जनाधिक कवियों ने अपनी रचनाएं सुनायीं. कार्यक्रम की अध्यक्षता पुस्तकालय के कार्यकारी अध्यक्ष डाॅ शैलेंद्र राकेश ने की. साहित्य सचिव मनोरंजन वर्मा ने संचालन किया. सचिव भोला नाथ ठाकुर […]
कार्यक्रम की अध्यक्षता पुस्तकालय के कार्यकारी अध्यक्ष डाॅ शैलेंद्र राकेश ने की. साहित्य सचिव मनोरंजन वर्मा ने संचालन किया. सचिव भोला नाथ ठाकुर ने कवियों व श्रोताओं का स्वागत किया. युवा कवि नागेंद्र मणि ने बज्जिका कविता लड़िका हई गंजेरी जुआरी, हम न करबई शादी गे, बाबू जी से कह दे माई, लउटा देथिन बराती गे सुना कर कवि गोष्ठी का आगाज किया.
कवि हरि विलास राय ने अपनी बज्जिका रचना शराबी के त दुनिये अलग हई, दिन रात बितइअ भट्ठी में सुनाई. रवींद्र कुमार रतन ने लूटो जितना भी गुलशन को, इसकी तो आजादी है, सबसे ज्यादा वह लूटेगा, जिसके तन पर खादी है, कविता सुनाई. विनोद प्रसाद सिंह की कविता बीत गया वर्ष, नव वर्ष
आनेवाला है, आलस्य त्याग, उल्लास चतुर्दिक छानेवाला है, तथा नारायण प्रसाद मालवीय की बज्जिका कविता खिल खिलायब कि नयका साल आ गेलई से नये साल का अभिनंदन किया गया. मौके पर वरिष्ठ कवि
उमाशंकर उपेक्षित, प्रतीक कुमार सोनू, क्षितिज प्रकाश, विजय कुमार विनीत, चंदन कुमार तेजपुंज,
मेदिनी कुमार मेनन आदि
कवियों ने काव्य पाठ किये. साहित्यकार विनय कृष्ण
कालेबादल, वीके सिंह, अधिवक्ता विनय चंद्र झा, श्याम सुंदर सिन्हा आदि उपस्थित थे.
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