सोनपुर : विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र मेले में रेलवे द्वारा लगायी गयी रेल ग्राम प्रदर्शनी में कैरेज एवं वैगन ट्रेनिंग सेंटर में चित्र प्रदर्शनी लोगों को काफी आकर्षित कर रही है. चित्र प्रदर्शनी में भारतीय रेल के इतिहास को दुर्लभ चित्रों से प्रदर्शित किया जा रहा है. इसे देख कर मेले में आनेवाले लोग भारतीय रेल की स्थापना व विकास की जानकारी हासिल कर रहे हैं.
लोग यह जान कर हैरान हो रहे हैं कि पहले इंजन की कमी के कारण हाथी द्वारा डब्बों की शंटिंग करायी जाती थी. इसे चित्र में दिखाया गया है. वहीं, 1863 में बैल द्वारा ट्रेन खींचते हुए दिखलाया गया है. अजमेर एवं इजतनगर कारखाने में निर्मित 1920 का इंजन भी दरसाया गया. 18वीं सदी में घोड़ा ट्रेन खींचा करता था. इसे भी चित्र के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है.
सोनपुर मीटर गेज का डीजल इंजन शेड, डीआरएम ऑफिस में रखा चेतक इंजन एवं विभिन्न प्रकार के भाप इंजनों को भी प्रदर्शित किया गया है. कोंकण रेलवे काॅरपोरेशन द्वारा चलित बस व ट्रेन एवं पैलेस ऑन व्हील, 1927 का सोनपुर रेलवे स्टेशन का चित्र लोगों को काफी प्रभावित कर रहा है. वहीं, दरियापुर रेल चक्का कारखाने से लेकर पहलेजा, दीघा रेल सह सड़क पुल की तसवीरें भी काफी आकर्षित कर रही हैं. आनेवाले समय में रेल के विकास से संबंधित जानकारी भी दी जा रही है.
रेल प्रदर्शनी में सुरक्षा-संरक्षा व समय पालन के साथ-साथ स्वच्छता अभियान से संबंधित जानकारी मेलार्थियों को दी जा रही है. ट्रेन में सफर करने के दौरान सतर्कता बरतने, अनधिकृत रूप से ट्रेनों में सफर नहीं करने, नशाखुरानी गिरोह से बचने के लिए अपरिचित यात्रियों से मेल-जोल बढ़ाने से बचने एवं खाद्य सामग्री ग्रहण करने से परहेज करने की भी सलाह दी जा रही है.
रेलवे ट्रैकों व मानवरहित समपार फाटकों पर चलने के पहले रुकने, देखने और तब पटरी पार करने की भी हिदायत दी जा रही हैं, जिससे दुर्घटनाओं पर रोक लगायी जा सके.