हाजीपुर : अगले साल के एक अप्रैल से नीतीश सरकार ने राज्य में शराबबंदी लागू करने का एलान किया है, जिले की उन हजारों महिलाओं के कलेजे को ठंडक पहुंची, जो इस बुराई की आग में दिन- रात सुलगती रही हैं. शहर, बाजार हो या सुदूर देहात, ऐसे घर परिवारों की संख्या गिनाना मुश्किल है, जो सिर्फ शराब के कारण तबाह बरबाद हुए हैं.
जिले के जागरूक लोगों ने मद्य निषेध दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराबबंदी की घोषणा का न सिर्फ स्वागत किया है, बल्कि यह आशा जतायी है कि इससे उन लाखों घरों में सुख और शांति आयेगी, जो नशाखोरी के कारण कलह का पर्याय बन चुके हैं.
लोगों को याद आया सन् 77 : कई जगहों पर लोगों की चर्चाओं में 1977 का जिक्र होता रहा. लोगों का कहना था कि बिहार के लोग सन् 77 को खास कर याद रखते हैं देश में इमरजेंसी के बाद हुए सत्ता परिवर्तन और तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के द्वारा की गयी शराब बंदी के लिए. 77 के बाद पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने यह साहसिक कदम उठाया है.
शराबबंदी का सबसे सकारात्मक असर आधी आबादी पर होगा,क्योंकि इससे सबसे ज्यादा त्रस्त महिला समाज ही है. शायद यही वजह है कि सरकार के इस फैसले से महिलाएं सबसे ज्यादा खुश नजर आ रही हैं. खासकर उन महिलाओं के अंदर अच्छे दिन आने का भरोसा जगा है, जो नित्य प्रति अपने जीवन में शराबी पति, पुत्र या अन्य रिश्तेदार के उत्पीड़न का शिकार होती रही हैं. महिला बुद्धिजीवियों का मानना है कि शराब बंदी से घरेलू हिंसा के साथ यौन हिंसा पर भी लगाम लगेगी.
खून-खराबे की घटनाओं में आयेगी कमी : वाद-विवाद को लेकर खून खराबे की घटनाएं न सिर्फ शासन-प्रशासन बल्कि समाज के लिए मुश्किलें पैदा करती रही हैं. जागरूक समाज का मानना है कि ज्यादातर मारपीट, झड़पें और खून -खराबे की घटनाओं में नशे की बड़ी भूमिका होती है.
वाहन दुर्घटनाएं भी होंगी कम : जानकारों का कहना है कि शराबबंदी से तेजी से बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आयेगी. लोगों का मानना है कि ज्यादातर दुर्घटनाएं शराब पीकर वाहन चलाने तथा यातायात नियमों की अनदेखी के कारण हो रही हैं. खासकर युवाओं में शराब पीकर गाड़ी चलाने का चलन बढ़ता जा रहा है.
नशे में नहीं डूबेगी मेहनत-पसीने की कमाई : शराब से सबसे ज्यादा बरबादी उन मजदूरों की होती रही है, जो अपने दिन भर की मेहनत का बड़ा हिस्सा शराब पर लुटाते रहे हैं. जिले भर में ऐसे लाखों मजदूर और कामगार हैं, जो गाढ़े पसीने की कमाई को नशे में डुबोने से गुरेज नहीं करते. शराबबंदी ऐसे लोगों के लिए जीवन सुधारने का मार्ग प्रशस्त करेगी.
गांव-देहात में भी मना जश्न : हाजीपुर. राज्य में आगामी अप्रैल 16 से शराबबंदी किये जाने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा का विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक संगठनों ने स्वागत किया है.
महनार संवाददाता के अनुसार महनार के शिक्षा प्रेमी शिक्षक विश्वनाथ राय, जगरनाथ सिंह, व्यवसायी महेश सिंह, उत्तम कुमार, मनीष कुमार, गणेश बैठा, मनोज जायसवाल, अमित जायसवाल, भास्कर कुमार, जदयू नेता अजय कुमार सिंह, महनार प्रखंड अध्यक्ष राकेश कुमार रंजन, युवा प्रखंड अध्यक्ष मिथिलेश कुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष अरविंद रजक, अवधेश सिंह, उप सरपंच आदि लोगों ने कहा कि शराबबंदी से बिहार में हजारों परिवार पुन: संवर जायेंगे.चेहराकलां/महुआ सदर संवाददाता शराबबंदी की घोषणा से प्रखंडवासियों में खुशी है.
जदयू के हिमांचल कुमार, शंभु शरण राय, राजद के देवप्रसाद यादव, अशोक यादव समेत गंठबंधन के कार्यकर्ताओं ने खुशी जाहिर की है. गोरौल संवाददाता क्षेत्रवासियों में काफी हर्ष का माहौल है. महिलाओं में खुशी का माहौल है. राजापाकर संवाददाता रविकांत राय, जदयू प्रखंड अध्यक्ष नागेंद्र प्रसाद सिंह, राजद प्रखंड अध्यक्ष कैलाश राय, राम औतार साह, सौदागर साह, उपेंद्र राय, मोहन पटेल, सुबोध पटेल, सरिता कुमारी, गीता कुमारी आदि ने फैसले के लिए नीतीश को बधाई दी है.