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हाजीपुर के केले की धूम पूरे देश में

हाजीपुर : लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा में केले का अपना महत्व है. हर छठव्रती पर्व के लिए केले की खरीदारी अवश्य करते हैं. वैसे तो केले की खेती कमोवेश पूरे देश में होती है, लेकिन हाजीपुर के केला अपने स्वाद के कारण पूरे देश में प्रसिद्ध है. इसी प्रसिद्धि के कारण हाजीपुर आने-जाने […]

हाजीपुर : लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा में केले का अपना महत्व है. हर छठव्रती पर्व के लिए केले की खरीदारी अवश्य करते हैं. वैसे तो केले की खेती कमोवेश पूरे देश में होती है, लेकिन हाजीपुर के केला अपने स्वाद के कारण पूरे देश में प्रसिद्ध है. इसी प्रसिद्धि के कारण हाजीपुर आने-जाने वाले लोग यहां केला खरीदना नहीं भूलते हैं.

सैंकड़ों ट्रक केला रोज जाता है बाहर: हाजीपुर का केला पूरे देश में प्रसिद्ध है और इसी कारण प्रत्येक दिन दर्जनों ट्रक केला यहां से दूसरे प्रदेशों में जाता है. देश के दूसरे हिस्सों में उपजने वाले केले की अन्य किस्मों में सबसे स्वादिष्ट होने के कारण इसकी मांग पूरे देश में सबसे ज्यादा है. वैशाली जिले के बिदुपुर, हाजीपुर, राघोपुर, लालगंज प्रखंड क्षेत्र मुख्यत: केला उत्पादक हैं और इन प्रखंडों के विभिन्न स्थानों से रोज दर्जनों ट्रक केला अन्य प्रदेशों के लिए जाता है.
गांधी सेतु पाया नंबर की केला के लिए बनी पहचान: हाजीपुर अपने केला के लिये जाना जाता है, अगर यह देखना हो तो आप महात्मा गांधी सेतु के पाया नंबर एक के निकट कुछ देर के लिए खड़े हो जायें और आप पायेंगेे कि यहां से गुजरने वाला हर आदमी कुछ केले अवश्य खरीदता है. यहां से गुजरने वाला हर बड़ा-छोटा वाहन केला लेने के बाद ही निकलता है.
मालभोग केला का एकमात्र उत्पादक है हाजीपुर : केले की सर्वोत्तम किस्मों में से एक मालभोग केला की खेती के मामले में हाजीपुर का एकाधिकार है. इस किस्म के केले का उत्पादन अन्यत्र कहीं नहीं होता है. यदि आप हाजीपुर से सड़क मार्ग से महुआ-मुजफ्फरपुर जा रहे हैं, तो रामाशीष चौक से कुछ आगे बढ़ने पर दिग्घी रेलवे गुमटी पर जाते ही आपकी नजर केले पर पड़ेगी,
जो देखने में अन्य केले से आकर्षक होता है, लेकिन दाम में अन्य केले से आठ से दस गुना ज्यादा और स्वाद में कई गुना अलग.
मांग ज्यादा होने के कारण छठ में होती है किल्लत: सर्वोत्तम किस्म और बेहतर स्वाद के कारण हाजीपुर के केले की मांग पूरे देश में सर्वाधिक है और इसका असर मूल्य पर भी स्पष्ट रूप से दिखता है.
पर्व -त्योहारों के अवसर पर यहां केले की कमी हो जाती है और कीमतें बढ़ जाती हैं, लेकिन तब भी केला पहचानने वाला हर आदमी हाजीपुर के केले को ही प्राथमिकता देता है. यानि हर आदमी के लिए केला का मतलब हाजीपुर का केला होता है और न उपलब्ध होने पर ही वह केले की दूसरी किस्म का उपभोग करता है.

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