* डॉ जी भक्त की पुस्तक युगधर्म का हुआ विमोचन
हाजीपुर : वर्तमान सामाजिक परिदृश्य में घरेलू एवं सामाजिक सरोकारों का लोप होता जा रहा है. लोग आत्म केंद्रित होते जा रहे हैं. नैतिकता, अनुशासन और दायित्व बोध की भावना समाप्त होती जा रही है. शिक्षा की अधोगति से राष्ट्रीय जीवन में मर्यादा का क्षरण चिंता की बात है.
समय का तकाजा है कि शिक्षा को मानवीय मूल्यों का संरक्षक, संस्कृति का पोषक तथा नैतिकता का नियामक बनाने के लिए समेकित प्रयास किया जाये. शैक्षिक समाज को आगे बढ़ कर इस चुनौती को स्वीकार करना होगा, वरना ताना बाना छिन्न-भिन्न हो जायेगा. दि प्रोगेसिव साइंटिफिक मेडिकल एंड लिटरेरी रिसर्च फाउंडेशन, हाजीपुर द्वारा रविवार को आयोजित प्रथम स्नातकोत्तर शैक्षिक मिलन समारोह में ये बातें उभर कर आयीं.
नगर के सुखदेव मुखलाल इंटर महाविद्यालय के सभागार में आयोजित मिलन समारोह में वैशाली जिले के अतिरिक्त राज्य के आधा दर्जन जिलों से प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में शिक्षा में सकारात्मक सुधार पर व्यापक चर्चा की गयी. फाउंडेशन के संस्थापक व निदेशक डॉ जी भक्त ने विषय प्रवेश क राते हुए नैतिक शिक्षा की बुनियाद मजबूत करने पर जोर दिया.
उन्होंने विज्ञान और चिकित्सा विज्ञान के द्रुत विकास के इस दौर में जागरूक शिक्षा प्रेमियों द्वारा सामाजिक सरोकारों के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता बतायी. कार्यक्रम का उद्घाटन प्रो डॉ नवल किशोर प्रसाद श्रीवास्तव ने किया तथा अध्यक्षता एसएम कॉलेज के प्राचार्य डॉ रवींद्र प्रसाद सिंह ने की.
इस अवसर पर अंगरेजी के विद्वान डॉ अमरेंद्र कुमार सिंह को वरिष्ठ स्नातकोत्तर नागरिक रूप में तथा हिंदी के विद्वान प्रो नवल किशोर प्रसाद श्रीवास्तव को संस्थान के प्रेसिडेंट ऑफ ऑनर के रूप में सम्मानित किया गया. विद्वानों ने डॉ जी भक्त की पुस्तक युगधर्म का विमोचन किया.
समारोह में डॉ सुधांशु प्रसाद चौरसिया, प्रो लाल बाबू चौधरी, प्रो उमेश चस्रं चौधरी, प्रो राजेंद्र प्रसाद, प्रो वायजुल हक, डीएन शर्मा, शिव शंकर प्रसाद सिंह, प्रो रवींद्र भक्त, प्रो जय प्रकाश सिंह, प्रो चंद्र भूषण प्रसाद, लखींद्र भक्त, डॉ अशोक कुमार राय आदि उपस्थित थे.