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गंगा का उफान हुआ शांत, बाढ़पीड़ितों को राहत

हाजीपुर : गंगा के जलस्तर में जारी गिरावट के साथ ही बाढ़ग्रस्त इलाके में संभावित बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है. बाढ़ का पानी से उतरने के बाद प्रभावित इलाके में होने वाली परेशानी व बीमारियों के संभावित खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है. हर तरह की परिस्थिति से […]

हाजीपुर : गंगा के जलस्तर में जारी गिरावट के साथ ही बाढ़ग्रस्त इलाके में संभावित बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है. बाढ़ का पानी से उतरने के बाद प्रभावित इलाके में होने वाली परेशानी व बीमारियों के संभावित खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है. हर तरह की परिस्थिति से निबटने के लिए कंट्रोल रूम की स्थापना की गयी है. जिला प्रशासन ने कंट्रोल रूम का नंबर 06224-260220 जारी किया है.

इस नंबर पर कोई भी व्यक्ति बीमारी, गंदगी, पेयजल, पशुओं की बीमारी के अलावा बाढ़ के दौरान होने वाली परेशानी से संबंधित शिकायत दर्ज करा सकते हैं. शिकायत मिलते ही प्रशासन की ओर त्वरित कार्रवाई की जायेगी. बुधवार को डीएम उदिता सिंह ने मीडिया को बताया कि गंगा के जलस्तर में कमी दर्ज की गयी है.
ऐसी उम्मीद है कि अगले 24 घंटे में 70 से 80 सेंटीमीटर तक गंगा के जलस्तर में कमी आयेगी. नदी के जलस्तर में कमी की वजह से बाढ़ग्रस्त इलाकों से बाढ़ का पानी भी उतरने लगेगा. प्रभावित इलाके में चापाकल के पानी को शुद्ध करने के लिए पीएचइडी के 55 कैंप कार्यरत हैं. स्वास्थ्य सुविधाओं के ख्याल से 14 स्थानों पर मेडिकल कैंप लगाया गया है.
बाढ़ प्रभावित राघोपुर में अभी प्रशासन की ओर से 40 नावें चलायी जा रही है. दो बोट एंबुलेंस भी चलाये जा रहे हैं.डीएम ने बताया कि बाढ़ का पानी उतरते ही प्रभावित इलाके में ब्लीचिंग पाउडर, गमैक्सिन पाउडर व चूना का छिड़काव शुरू कर दिया जायेगा. इसके लिए सभी पीएचसी में चूना, ब्लीचिंग व गमैक्सिन पाउडर का स्टॉक उपलब्ध कराया गया है. हैलोजेन टैबलेट का भी वितरण किया जायेगा.
स्वास्थ्य विभाग को इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिये गये हैं. इस कार्य में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ आशा व आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका की मदद लेने का भी निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि छिड़काव के साथ-साथ लोगों को स्वच्छता व बाढ़ का पानी उतरने के बाद क्या करें और क्या न करें, की भी जानकारी दी जायेगी.
राघोपुर भेजी गयी जांच टीम
बाढ़ प्रभावित राघोपुर में नाव व मेडिकल कैंप के संबंध में मिली शिकायत की जांच के लिए जांच टीम का गठन किया गया है. डीएम उदिता सिंह ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाके से अभी नाव की ही डिमांड की गयी है. राघोपुर में बाढ़ की वजह से लोगों का सड़क संपर्क टूट गया है.
नाव के परिचालन व मेडिकल कैंप के संबंध में कुछ शिकायतें मिली थी. उसकी जांच के लिए प्रभारी पदाधिकारी के नेतृत्व में जांच टीम को भेजा गया है. रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.
धीरे-धीरे उतरने लगा बाढ़ का पानी, परेशानी बरकरार
राघोपुर. बुधवार की सुबह से गंगा नदी के जलस्तर में धीरे-धीरे आ रही कमी से राघोपुर प्रखंड के लोगों ने राहत की सांस ली है. हालांकि अभी भी बाढ़ का पानी इलाके में फैला हुआ है. खेत-खलिहान व सड़कें पानी में डूबी हुई हैं. बाढ़ में फंसे लोगों की परेशानी अब भी बरकरार है. प्रशासन की ओर से सरकारी सुविधा मुहैया नहीं कराये जाने से बाढ़ पीड़ितों पर रोष व्याप्त है.
बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि बाढ़ के दौरान राघोपुर अंचल कार्यालय बाजार समिति मुसाफिरखाना में चलाया जा रहा है, लेकिन वहां जाने पर अंचल एवं प्रखंड के कर्मी से भेंट नहीं होती है.
बाढ़ को देखते हुए डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों के साथ-साथ पशु चिकित्सकों, सभी पदाधिकारी व कर्मियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया था लेकिन बाढ़ के दौरान उनसे भेंट तक नहीं हो पा रही है. स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है. लोगों को मजबूरी में झोला छाप डॉक्टरों का सहारा लेना पड़ रहा है.
मंगलवार की शाम सही इलाज के अभाव में जांडिस व तेज बुखार से पीड़ित रामबाबू राय के चार माह के पोते की मौत हो गयी. मुखिया संघ के अध्यक्ष विनय भूषण उर्फ मंटू यादव ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री व डीएम को पत्र लिख कर बाढ़ में फंसे लोगों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने एवं राघोपुर प्रखंड को बाढ़ ग्रस्त घोषित करने की मांग की है.

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