हाजीपुर : चंद घंटे बाद 21 हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र (सुरक्षित) का रुझान मिलना शुरू हो जायेगा. शाम तक यह भी स्पष्ट हो जायेगा कि जनता ने किसके सिर पर जीत का सेहरा बांधा है और किसे नकार दिया. इन सबके बीच उम्मीदवार और उनके समर्थकों की सांसे अटकी हुई है. दिल की धड़कन तेज है.
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उम्मीदवारों के साथ माननीयों की प्रतिष्ठा भी है दांव पर
हाजीपुर : चंद घंटे बाद 21 हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र (सुरक्षित) का रुझान मिलना शुरू हो जायेगा. शाम तक यह भी स्पष्ट हो जायेगा कि जनता ने किसके सिर पर जीत का सेहरा बांधा है और किसे नकार दिया. इन सबके बीच उम्मीदवार और उनके समर्थकों की सांसे अटकी हुई है. दिल की धड़कन तेज है. […]
मतदान समाप्त होने व एग्जिट पोल के नतीजे आने के बाद राजनीतिक तापमान भी अपने पूरे परवान पर है. मतदान का प्रतिशत भी राजनीतिक धुरंधरों को काफी परेशान कर रहा है. इस बार के लोकसभा चुनाव में यहां एनडीए और महागठबंधन की प्रतिष्ठा दांव पर तो लगी हुई है ही, हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में आने वाले छह विधानसभा क्षेत्रों के एनडीए व महागठबंधन के विधायकों की प्रतिष्ठा भी दांव पर है.
पिछले 42 वर्षों तक हाजीपुर की राजनीति में शीर्ष पर रहे लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपनी विरासत इस बार अपने छोटे भाई पशुपति कुमार पारस को सौंपी है. उनकी लड़ाई महागठबंधन के घटक राजद उम्मीदवार शिवचंद्र राम से है. दोनों ही खेमे के लोग अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. चंद घंटे बाद इस बात का भी पता चल जायेगा कि किस खेमे में कितना दम है.
माननीयों की भी है अग्निपरीक्षा : हाजीपुर (सुरक्षित) लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र हाजीपुर, लालगंज, महनार, राघोपुर, महुआ और राजापाकर (सुरक्षित) आते हैं. अगर इन विधानसभा क्षेत्रों की बात करें तो तीन पर महागठबंधन के घटक दल राजद व एनडीए के घटक दल भाजपा, लोजपा, जदयू का एक-एक समेत तीन विधानसभा क्षेत्र पर कब्जा है.
हाजीपुर से भाजपा के अवधेश सिंह, लालगंज से लोजपा के राजकुमार साह और महनार से जदयू के उमेश कुशवाहा विधायक हैं. वहीं राघोपुर से राजद के तेजस्वी यादव,राघोपुर से राजद के तेजप्रताप यादव व राजापाकर (सुरक्षित) से महागठबंधन उम्मीदवार शिवचंद्र राम सीटिंग विधायक हैं.
इस लिहाज से देखा जाये तो मुकाबला काफी कांटे का है. लेकिन महुआ से विधायक व लालू यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव ने इस बार बगावती तेवर दिखाते हुये लालू-राबड़ी मोर्चा से बलेंद्र दास को अपना उम्मीदवार घोषित किया था. गुरुवार को आने वाले जीत-हार के नतीजे इन माननीयों की अपने इलाके में लोकप्रियता की परीक्षा भी लेगी, क्योंकि सभी ने अपने-अपने क्षेत्र में अपने उम्मीदवार की जीत के लिए जमकर पसीने भी बहाये थे और जीत के दावे भी कर रहे हैं.
आधी आबादी पर टिका है दारोमदार : आजादी के बाद से अभी तक भले ही हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के राजनीतिक इतिहास में भागीदारी के मामले में आधी आबादी हाशिये पर रही है. लेकिन चुनाव में उनकी सहभागिता पुरुषों के मुकाबले काफी अधिक रही है. चुनाव में उनकी बढ़ती सहभागिता से स्वाभाविक है कि आधी आबादी की जीत-हार में निर्णायक भूमिका रहेगी.
इनकी सहभागिता की बात करें तो इस बार जहां 53.08 फीसदी पुरुष मतदाताओं ने मतदान किया, वहीं इससे कहीं अधिक 57.95 फीसदी महिलाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. विधानसभावार मतदान के प्रतिशत के आंकड़े भी इस ओर स्पष्ट इशारा कर रहे हैं कि जीत-हार में आधी आबादी की निर्णायक भूमिका रहेगी.
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