अनुज शर्मा
हाजीपुर : हाजीपुर लोकसभा सीट पर सोमवार को हुए मतदान में सवर्ण और अति पिछड़ी जातियों के वोटरों पर रामविलास पासवान और एनडीए से उनके उम्मीदवार भाई पशुपति कुमार पारस व महागठबंधन के राजद उम्मीदवार शिवचंद्र राम का भविष्य निर्भर करेगा.
सुबह से ही मतदान केंद्र पर मतदाताओं की लंबी कतार लगी रही. बड़ी संख्या में महिलाओं ने मतदान किये. युवा मतदाताओं में वोट को लेकर गजब का उत्साह दिखा. हाजीपुर में कुल 18 लाख 18 हजार 209 मतदाताओं में से 56 फीसदी ने अपने मत का प्रयोग किया. 2014 में 55 फीसदी ने वोट डाले थे.
इस चुनाव में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान भले ही चुनावी मैदान में नहीं हैं, लेकिन यहां लड़ाई दोनों में ही नजर आयी. मतदाता महागठबंधन के उम्मीदवार एवं लालू के करीबी स्थानीय विधायक शिवचंद्र राम तथा रामविलास की विरासती सीट पर पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे एनडीए उम्मीदवार पशुपति कुमार पारस के बीच विभाजित था. पूर्व केंद्रीय मंत्री दसई चौधरी नेशनल कांग्रेस पार्टी से उम्मीदवार हैं, लेकिन वोटरों ने उनकी चर्चा नहीं की. वोटर अपनी समस्याएं बता रहे थे, लेकिन वोट राष्ट्रवाद, मोदी और पासवान को ध्यान में रखकर किया.
सभी 1827 बूथों पर एनडीए -महागठबंधन में ही मूल तौर पर टक्कर दिखी. यह और बात थी कि जिस बूथ क्षेत्र में जिस जाति का दबदबा था, वहां लोग अपने उम्मीदवार के जीतने का दावा खुलकर कर रहे थे. हाजीपुर के बागमल्ली स्थित बूथ के बाहर पप्पू राय , चंद्र प्रकाश शर्मा आदि का कहना था कि बिहार में जातियां राजनीति करती हैं, यहां वही हो रहा है.
गांधी चौक के पास बातचीत कर रहे लोगों का कहना था कि रामविलास पासवान ने इस बार यहां भाई के लिये खूब पसीना बहाया है. वह खुद उम्मीदवार होते थे तो इतनी मेहनत नहीं करते थे. दस बजते-बजते कुशवाहा और मल्लाह वोट का बिखराव खुलकर दिख गया. हाजीपुर के सीढ़ीघाट रोड, जगदंबा स्थान पर दुर्गा सिंह कुशवाह का कहना था कि वाेट मोदी के नाम पर चल रहा है. पासवान को पारस की जगह स्थानीय नेता को खड़ा करना चाहिए था.
मल्लाह बाहुल्य गांव छोंकियां के बूथ 199 से निकले राजू महतो कहते हैं कि यहां तो झोपड़ी का माहौल है. बूथ नंबर 78 -80 पर मतदान कर निकले मो. आजम, मो. इमरान मदरसा चौक स्थित आजाद मेडिकाे पर चुनावी चर्चा कर रहे थे. उनका कहना था कि ‘यहां पर लालू यादव की प्रतिष्ठा असर दिखा रही है. अब रामविलास पासवान नहीं लड़ रहे हैं.
अब यहां राजद बनाम लोजपा की लड़ाई है. राजद उम्मीदवार शिवचंद्र राम रविदास जाति से है, इस कारण पिछली बार पासवान को वोट देने वाले रविदास टोला के वोटर राजद के साथ दिखे. राजद के साथ यादव और मुस्लिम वोट भी अडिगता से खड़ा दिखायी दिया. रविदास टोला के बुजुर्ग जोगिंदर राम कहते हैं कि यहां तो ललटेन (लालटेन) है.