हाजीपुर : फास्ट ट्रैक कोर्ट में मंगलवार को 18 साल पहले हुई एक हत्या के मामले में दो महिलाओं सहित तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी. न्यायाधीश विपिन दत्ता पाठक ने अनुसंधानक सहित सात गवाहों व साक्ष्य के आधार पर यह फैसला सुनाया है. मृतक और सभी अभियुक्त पट्टीदार हैं. मामला भगवानपुर थाना क्षेत्र के हरपुर कस्तूरी गांव का है.
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हत्या मामले में तीन लोगों को आजीवन कारावास
हाजीपुर : फास्ट ट्रैक कोर्ट में मंगलवार को 18 साल पहले हुई एक हत्या के मामले में दो महिलाओं सहित तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी. न्यायाधीश विपिन दत्ता पाठक ने अनुसंधानक सहित सात गवाहों व साक्ष्य के आधार पर यह फैसला सुनाया है. मृतक और सभी अभियुक्त पट्टीदार हैं. मामला भगवानपुर […]
कोर्ट ने इसी गांव के सतवंत सिंह, उषा देवी और रानी देवी को अपने पट्टीदार संजीत सिंह की हत्या करने के आरोप में दोषी पाया और आजीवन कारावास की सजा सुनायी. लोक अभियोजक वीरेंद्र नारायण सिंह के नेतृत्व में रामचंद्र चौधरी ने सरकार की ओर से बहस की. मामला 26 अगस्त, 2001 को 9 बजे रात में घटी थी.
संजीत सिंह घर के सामने पेशाब करने के बाद लौट रहे थे. इसी दौरान अभियुक्तों ने उसे पकड़ लिया और उसके दरवाजे पर ही उसे लाठी-डंडे से पीट-पीट कर हत्या कर दी. संजीत के चिल्लाने पर बचाने पहुंची उसकी मां और पत्नी को अभियुक्तों ने एक कोठरी में बंद कर दिया. इसके बाद अभियुक्त संजीत के शव को वहां से उठा कर ले गये और साक्ष्य छुपाने के लिए एक गाछी में जला दिया गया.
इस घटना में मृतक की मां कृष्णा देवी के बयान पर भगवानपुर थाने में सतवंत सिंह, उषा देवी और रानी देवी को नामजद अभियुक्त बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. प्राथमिकी में जमीन विवाद को लेकर हत्या करने का आरोप लगाया गया था. भगवानपुर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले का अनुसंधान किया और तीनों अभियुक्तों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था.
18 साल पहले भगवानपुर के कस्तूरी गांव में हुई थी घटना
मृतक की मां के बयान पर दर्ज प्राथमिकी पर हुई कार्रवाई
फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सात गवाहों के बयान पर अपना फैसला सुनाया
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